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कोटा

जो होते है ‘अटल’, वो कभी मरा नहीं करते ..

15-16 बार कोटा आए थे अटल बिहारी वाजपेयी

कोटाAug 16, 2019 / 08:20 pm

Rajesh Tripathi

कोटा. अटलजी जैसे लोग रोज जन्म नहीं लिया करते। कभी कभी ही ऐसी शख्सीयत पैदा होती है। वे सच में अपने इरादों पर अटल रहने वाले थे। यह कहना है नगर विकास न्यास के अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ नेता हरिकृष्ण जोशी का। जोशी जनसंघ में 1962-63 में जुड़े। इसके बाद से ही जन संघ के लीडर अटल बिहारी वाजपेयी से उनका सम्पकज़् रहा। जोशी बताते हैं कि वाजपेयी के साथ उनकी गहरी आत्मीयता थी, कोटा में सभाओं के दौरान कोई किस्सा विशेष याद नहीं लेकिन वह बताते हैं कि कई आंदानों में वे अटलजी के साथ रहे।एक बार सरहद के पास गदरा रोड क्षेत्र में अटलजी के नेतृत्व में किए गए आंदोलन में जोशी शामिल हुए थे।
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वहां एक कृष्ण मंदिर था और इस क्षेत्र को भारत की जमीन बताते हुए आंदोलन किया था।इस आंदोलन में उन्हें अटलजी के साथ जैल की हवा भी खानी पड़ी थी। जोशी बताते हैं कि वे एक राष्ट्रीय लीडर थे और हम सिर्फ कार्यकर्ता थे, लेकिन इसके बावजूद वे सहज सरल थे। कोटा में भी जब जब भी उनकी सभाएं हुए, वे सभी से सहज भाव से मिलते थे। वाजपेयी दो तीन बाद जोशी के घर भी आए।
100 से अधिक फोटो हैं सुरक्षित

हरिकृष्ण का अटल बिहारी वाजपेयी से कितना लगाव था,यह जोशी के पास सुरक्षित फोटो एलबम बताती है।कोटा आगमन के दौरान हुए कार्यक्रमों के करीब 100 फोटो इस एलबम में सुरक्षित है। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी कैथूनीपोल स्थित जोशीके आवास पर भी आए थे।
इन स्थानों पर हुई थी सभाएं

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कोटा में पन्द्रह सोलह बार आए। कोटा में उनकी सभाएं में विभिन्न स्थानों पर हुई। एक बार कैनाल रोड पर हुई तो गीता भवन तक लोगों की भीड़ जमा था। उनकी सभा में किसी को बुलाना नहीं पड़ता था। उनकी मृदु वाणी के लोग दीवाने थे, वे खुद अटल जी के भाषण को सुनने आते थे। रामतलाई मैदान,दशहरा मैदान, उम्मेमद सिंह स्टेडियम उनकी सभाएं हुई थी। हर सभा में भीड़ उमड़ती थी।

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