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इस बार जानलेवा बीमारियों से लड़ने के लिए कोटा पहले से रहेगा तैयार, जानिए पूरी रणनीति

कोटा. गुजरे साल डेंगू-स्वाइन फ्लू के महामारी के रूप ले लेने के चलते इस बार जिला प्रशासन ने इनसे लडऩे के लिए ‘कार्य योजना-2018’ बनाई है।

कोटाFeb 27, 2018 / 07:53 pm

abhishek jain

डेंगू-स्वाइन फ्लू
कोटा.
गुजरे साल डेंगू-स्वाइन फ्लू के महामारी के रूप ले लेने के चलते इस बार जिला प्रशासन ने इनसे लडऩे के लिए ‘कार्य योजना-2018’ बनाई है। दावा यह कि अब पूरे साल इनकी रोकथाम प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए चिकित्सा विभाग के अलावा अन्य विभागों की भी जिम्मेदारी तय कर डेंगू, मलेरिया, स्वाइन फ्लू आदि बीमारियों की रोकथाम के निर्देश दिए गए हैं।
सीएमएचओ डॉ. आरके लवानिया ने बताया कि माहवार वार्षिक कार्य योजना में जनवरी से दिसम्बर तक मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियां व्यापक स्तर पर आयोजित की जाएंगी। कार्ययोजना के तहत, नगर निगम, चिकित्सा विभाग, यूआईटी, शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन सहित कई विभागों को जिम्मेदारियां दी गई हैं।
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ये हैं माह दर माह कदम
जनवरी: शहरी क्षेत्र में यूपीएचसी पर मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं बचाव के लिए स्टाफ को प्रशिक्षण दिया गया। निजी एवं सरकारी चिकित्सालयों से मौसमी बीमारियों की दैनिक रिपोर्ट ली।
फरवरी: द्वितीय सप्ताह में स्वाइन फ्लू की समीक्षा बैठक जिला कलक्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई। खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा लेब टेक्नीशियन को प्रशिक्षण दिया।

मार्च: प्रथम सप्ताह में कलक्टर की अध्यक्षता में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम की तैयारी बैठक।
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अप्रेल: 1 अप्रेल से मलेरिया क्रॅश प्रोग्राम। गम्बूशिया मछलियां छोडऩे के स्थानों का चयन। लू तापघात से बचाव की गाइड लाइनका वितरण। पानी भराव वाले खाली भूखंडों को यूआईटी-नगर निगम चिह्नित करेंगे। पीएचईडी लीकेज व टूट फूट की मरम्मत करवाएगा। प्रत्येक रविवार को सूखा दिवस, जिसमें कूलर, टंकी, मटके, गमले आदि के पानी को खाली करवाया जाएगा।
मई: प्रथम सप्ताह में कलक्टर की अघ्यक्षता में फिर मच्छर जनित बीमारी की रोकथाम के लिए बैठक। ग्रामीण क्षेत्र में मलेरिया हाई रिस्क क्षेत्र में 15 मई से 31 जुलाई तक डीडीटी स्प्रे। निजी एवं राजकीय चिकित्सालय में मच्छरों की रोकथाम के लिए पेस्ट कंट्रोल स्प्रे। डेंगू पॉजीटिव पाए जाने पर मेडिकेटेड मच्छरदानी उपलब्ध कराई जाएगी।
जून: नगर निगम एक जून से10 बड़ी व 32 छोटी फोगिंग मशीन उपलब्ध कराएगा तथा शहर में जागरुकता होर्डिंग भी लगाएगा। निजी एवं राजकीय चिकित्सालय में इनडोर रेजूइयूल स्प्रे (पेस्ट कंट्रोल) करावाया जाएगा।

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जुलाई: हाई रिस्क क्षेत्र में घर-घर सर्वे एवं लार्वा रोधी कार्रवाई। पहली बारिश के बाद चिह्नित जल स्त्रोतों में गम्बूशिया मछलियां छोड़ी जाएंगी। प्रत्येक रेपिड कार्ड से पॉजिटिव पाए डेंगू रोगी का निजी चिकित्सालय एवं निजी लेब में एलाइजा टेस्ट होगा। कठपुतली व नुक्कड़ नाटक से जागरूकता।
अगस्त: स्वास्थ्य विभाग सेना क्षेत्र के मलरिया, डेंगू केसों की लाइन लिस्ट देगा ताकि वे अपने क्षेत्र में कार्रवाई कर सकें। लार्वा पाए जाने पर संस्थानों एवं इमारतों पर चालान की कार्रवाई।

सितम्बर से दिसम्बर: सेना, रेलवे के स्वास्थ्य स्टाफ द्वारा उनके स्कूलों में मच्छर जनित रोगों से बचाव व उपचार एवं रोकथाम की जानकारी दी जाएगी। रेलवे क्षेत्र के मलेरिया, डेंगू के केसों की लाइन लिस्ट दी जाएगी, वहीं फोलोअप कार्य किया जाएगा।
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