सम्भाग की डिमांड 87000 मीट्रिक टन
अब तक मिल चुका 39950 मीट्रिक टन किसान जरूरत के हिसाब से खरीदे
लगातार तीन रैक मिलने से अभी डीएपी की कमी नहीं रहेगी। किसान जरूरत के हिसाब से ही डीएपी खरीद करेंगे तो कमी नहीं आएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट के 3 कट्टे, यूरिया 1 कट्टा से भी पूर्ति की जा सकती है। दोनों उर्वरक के प्रयोग से फसल उत्पादन में कोई अन्तर नहीं आएगा।
-डॉ. रामावतार शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि