scriptबच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट | Blindfolded, they read the book by touch with their hands and feet | Patrika News
कोटा

बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट

मिड ब्रेन एक्टिवेशन ट्रेनिंग के जरिए बच्चों ने हासिल की महारत, बंद आंखों से ही रंग व अक्षरों की कर लेते हैं पहचान, बढ़ रही है लर्निंग पावर

कोटाMay 28, 2022 / 07:41 pm

Kanaram Mundiyar

बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट

बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट

कोटा.

छोटी उम्र के ये बच्चे बड़े कमाल के हैं, आंखों पर पट्टी बांधकर हाथ-पैर से स्पर्श कर किताब व अखबार पढ़ लेते हैं और सूंघ कर कुछ भी पहचान लेते हैं। यह कोई चमत्कार या जादू नहीं है, बल्कि मिड ब्रेन एक्टिवेशन तकनीक से ऐसा संभव हो रहा है। इस तकनीक की ट्रेनिंग से बच्चों की ब्रेन की लर्निंग पावर बढ़ रही है।
शिक्षा नगरी कोटा के महावीर नगर तृतीय में कक्षा 2 की छात्रा जीविषा शृंगि (7), कक्षा 3 की छात्रा अंजली पंकज (12), कक्षा 6 का छात्र निमित कोहली (13) सहित 10 से अधिक बच्चे टच, फील और स्मेल की क्षमता बढ़ा चुके हैं। इन बच्चों ने पत्रिका टीम के समक्ष इस तकनीक का हैरत में डालने जैसा प्रदर्शन किया। ये बच्चे आंखों पर पट्टी बांधकर कोई भी किताब या अखबार पढ़ लेते हैं। किसी भी तरह के रुपए यानी नोट को पहचान लेते हैं और नम्बर बता देते हैं। किसी भी वस्तु, व्यक्ति, चित्र या जगह को भी पहचान लेते हैं, रंग बता देते हैं। प्रशिक्षक हर्षिता, नेहा शृंगि बच्चों को यह तकनीक सिखा रही हैं।
बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट
क्या है मिड ब्रेन एक्टिवेशन-

ब्रेन में बायां और दायां हिस्सा, अलग-अलग काम करते हैं। बायां हिस्सा लॉजिकल और दायां क्रिएटिव होता है। मिड ब्रेन एक्टिवेशन एक्सरसाइज दोनों हिस्सों को जोडऩे का काम करती हैं। विज्ञान आधारित इस जापानी तकनीक से बच्चों के ब्रेन की क्षमताओं की गति और दायरा बढ़ाया जा सकता है। दोनों हिस्से के ब्रेन बराबर रूप में सक्रिय हो जाते हैं।
छोटी उम्र में मिले ट्रेनिंग तो अच्छा-

प्रशिक्षक हर्षिता शृंगी के अनुसार मिड ब्रेन एक्टिवेशन के लिए 4 से 15 साल तक के बच्चे सबसे अच्छे माने जाते हैं क्योंकि इस उम्र तक दिमाग सबसे ज्यादा तेजी से सीखता है।
10 दिन का प्रशिक्षण-

यह कोर्स करीब 10 दिन का होता है। सप्ताह में एक दिन चार घंटे की एक्सरसाइज में टच, फील और स्मेल करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। बच्चों को बिना आंखें खोले चीजों के रंग पहचानने का अभ्यास कराया जाता है। इससे उनकी स्पर्श और सूंघने की शक्ति बढ़ जाती है।
डीएमआईटी से परखते हैं क्षमता-

बच्चों को मिड ब्रेन एक्टिवेशन कोर्स सिखाने से पहले उनकी डीएमआईटी टेस्ट भी करवाया जा सकता है। यह बॉयोमेट्रिक एनालिसिस है। जिसमें फिंगरप्रिन्ट से साइंटिफक स्टडी की जाती है। इससे बच्चों की जन्मजात शक्तियों व लर्निंग क्षमता के बारे में जानकारी मिल जाती है।
बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट

Home / Kota / बच्चे बड़े कमाल के : आंखों पर पट्टी बांध कर हाथों व पैरों से स्पर्श से पढ़ लेते हैं किताब, सूंघ कर पहचान लेते हैं नोट

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो