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कोटा

अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे, दूसरों की पीड़ा भूल गए…

एमबीएस अस्पताल में संविदा पर काम कर रहे ठेका कर्मचारियों ने दो घंटे किया कार्य बहिष्कार….ओपीडी में मरीजों की लगी लंबी कतार, अस्पताल में चारों तरफ चरमराई व्यवस्था….

कोटाJul 10, 2019 / 10:11 pm

Anil Sharma

kota

अस्पताल अधीक्षक को अपनी व्यथा सुनाते संविदाकर्मी।

कोटा. यह मानव प्रवृत्ति है कि जब मनुष्य खुद दुखी होता है तो दूसरों की पीड़ा भूल जाता है। उसे आगे-पीछे कुछ भी दिखाई नहीं देता। कुछ ऐसा ही मामला बुधवार को एमबीएस अस्पताल में हुआ। एमबीएस अस्पताल में बकाया भुगतान सहित विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को ठेका श्रमिकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। इससे व्यवस्था चरमरा गई। जांच, ओपीडी, पर्ची, दवा व भामाशाह काउंटर सहित वार्डों में मरीजों को परेशानी हुई। ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लग गई। इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में कार्मिक नहीं होने से ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं पहुंच सके। आनन-फ ानन में अस्पताल प्रशासन ने वैकल्पिक इंतजाम कर वार्ड में सिलेंडर पहुंचाए।
सभी ठेका श्रमिक सुबह 11 बजे काम छोड़कर पुराने आउटडोर के पास एकत्रित हो गए और नारेबाजी करते हुए अधीक्षक कक्ष में पहुंचे। जहां ठेका श्रमिकों ने संवेदक को खरी-खरी सुनाई। मामला बढ़ता देख नयापुरा पुलिस मौके पर पहुंची। करीब डेढ़ घंटे तक ठेका श्रमिक मांगों को लेकर अड़े रहे। अधीक्षक डॉ. नवीन सक्सेना ने सीनियर अकाउंटेंट, संवेदक व क्र्लक को मौके पर बुलाया और समस्या समाधान का प्रयास किया। अधीक्षक के आश्वासन पर ठेका श्रमिक काम पर लौटे।
ठेका श्रमिकों का आरोप
ठेका श्रमिकों ने बताया कि राज्य सरकार ने अद्र्धकुशल श्रमिक के वेतन में 12 रुपए प्रतिदिन की बढ़ोतरी की थी। जिसके चलते एमबीएस में कार्यरत अद्र्धकुशल श्रमिक को मई में 270 रुपए बढ़कर सैलेरी मिली। लेकिन ट्रेजरी में लिखित आदेश नहीं पहुंचने के कारण संवेदक ने जून में 270 रुपए की कटौती कर दी। जब इस बात का जानकारी ठेका श्रमिकों को लगी तो उन्होंने अधीक्षक से वार्ता करने का निर्णय लिया। ठेका श्रमिकों ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से संवेदक ठेका श्रमिकों का शोषण कर रहा है। ठेका श्रमिकों के 331 रुपए प्रति कार्मिक काटे जा रहे हैं, लेकिन मिल नहीं रहे।
अस्पताल अधीक्षक कहिन…
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. सक्सेना का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जा रहा है। ठेकेदार के स्तर पर गड़बड़ी हो रही है। कार्मिकों को वेतन कम दिया जा रहा है जो राशि काटी गई, उसे दिलाने का प्रयास करेंगे। ईएसआई व पीएफ की राशि काटी जा रही है, लेकिन जमा नहीं हो रही। पीएफ की दो माह से राशि जमा नहीं हुई है तो एकाउंटेंट से दिखवा कर गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई करेंगे।

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