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इल्ली का प्रकोप हुआ बेकाबू, रातों रात कर गई खेत चट

locationकोटाPublished: Sep 07, 2017 01:14:00 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

मानसून की बेरुखी और इल्ली के प्रकोप ने हाड़ौती की प्रमुख फसल सोयाबीन पर कहर बरपा दिया है।

Caterpillar Epidemic in Haroti

कोटा/कुंदनपुर/सांगोद/ अरंडखेड़ा/सुल्तानपुर. मानसून की बेरुखी और इल्ली के प्रकोप ने हाड़ौती की प्रमुख फसल सोयाबीन पर कहर बरपा दिया है। मौसम में नमी रहने और लगातार बादल छाए रहने से इल्ली का प्रकोप बेकाबू हो गया है। स्थिति यह हो गई है कि इल्लियों ने रातों रात खेत के खेत को चट कर दिए हैं।

कोटा/कुंदनपुर/सांगोद/ अरंडखेड़ा/सुल्तानपुर.
मानसून की बेरुखी और इल्ली के प्रकोप ने हाड़ौती की प्रमुख फसल सोयाबीन पर कहर बरपा दिया है। मौसम में नमी रहने और लगातार बादल छाए रहने से इल्ली का प्रकोप बेकाबू हो गया है। स्थिति यह हो गई है कि इल्लियों ने रातों रात खेत के खेत को चट कर दिए हैं।
इल्ली का प्रकोप सिंचित क्षेत्र में ज्यादा है। कई गांवों में तो 60 फीसदी तक फसल बर्बाद हो गई है और जिम्मेदार अधिकारी केवल कीटनाशक की सलाह देकर इतिश्री कर रहे हैं। हाड़ौती में इस बार पांच लाख 60 हजार हैक्टेयर से अधिक रकबे में सोयाबीन की बुवाई हुई थी। शुरुआत में फसल अच्छी थी, लेकिन पिछले एक पखवाड़े से बारिश नहीं होने, मौसम में नमी रहने तथा बादल छाए रहने से इल्ली का प्रकोप यकायक बढ़ गया है। एेसे में मजबूरन किसान सोयाबीन की फसल की हंकाई करने को विवश हो गए हैं।
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किसी ने मवेशी छोड़े तो किसी ने ट्रैक्टर चलाया
बुधवार को विनोदखुर्द पंचायत के बम्बूलिया कटारिया गांव के छह किसानों ने करीब साठ बीघा खेतों में सोयाबीन की फसल हंकवा दी। किसान कल्याण सिंह ने 16 बीघा, हीरालाल नागर ने 15 बीघा, रामकुमार खाती ने 8 बीघा, जानकीलाल बैरवा ने 6 बीघा, रामेश्वर नागर ने 7 बीघा व जयकिशन नागर ने 8 बीघा की सोयाबीन की फसल को ट्रैक्टरों से हंकवाकर पौधों को जानवरों के चारे के लिए डाल दिया। अरण्डखेड़ा के चतुर्भज गुर्जर ने दस बीघा सोयाबीन की खड़ी फसल को मवेशियों के हवाले कर दी। सुल्तानपुर, दीगोद क्षेत्र में 50 फीसदी तक फसल बर्बाद हो चुकी है।
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नुकसान की रिपोर्ट में भी खेल
राज्य सरकार ने सीएडी कृषि खण्ड और कृषि विभाग ने कोटा, बूंदी, बारां तथा झालावाड़ जिले में इल्ली प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। परियोजना निदेशक बलवंतसिंह ने सीएडी क्षेत्र में सोयाबीन में पांच प्रतिशत से भी कम नुकसान बताया है। जबकि जयपुर से आए दल ने 15 से 20 फीसदी तक के नुकसान की रिपोर्ट सरकार को दी है। जबकि कृषि विभाग ने पांच से दस फीसदी नुकसान माना है।

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हाड़ौती में सोयाबीन की बुवाई की स्थिति

स्त्रोत : कृषि विभाग, आंकडे प्रति हैक्टेयर

2012 – 822329

2013 – 905107

2014- 601217

2015 – 822021

2016 – 684841
2017 – 560743

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