जवाहर नगर स्थित एलन परिसर के समरथ सभागार में मंगलवार को कोटा के पर्यावरण को नई दशा और दिशा देने के लिए
ऑक्सीजोन के प्रस्तावित प्रारूप को प्रदर्शित किया गया। नगर विकास मंत्री शांति धारीवाल की मौजूदगी में ऑक्सीजोन की संरचना तैयार करने वाले आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने बताया कि ऑक्सीजोन का मास्टर प्लान बनाने से पहले शहर के हर इलाके की वायु गुणवत्ता का परीक्षण कराया गया।
इसमें झालावाड़ रोड पर सबसे ज्यादा
प्रदूषण बताया गया। ऑक्सीजोन में इस तरह के पेड़ लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि 4 किमी तक तापमान में कमी हो सकेगी। 8 किमी तक ऑक्सीजोन का असर नजर आएगा
चम्बल रिवर फ्रंट का भी अपटेड डिजाइन प्रस्तुत किया। जिसे 18 हिस्सों में बांटा जाएगा और पूरे इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए विशेष दीवार बनाने के साथ ही इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि यदि कोटा बैराज के 19 गेट भी खुल जाएं तो रिवर फ्रंट पूरा न डूबे। इसके साथ ही जब पानी उतरे तो निर्माण कार्य को किसी भी तरह की क्षति न पहुंचे। कोटा बैराज और गढ़ के बीच के हिस्से में मुगल गार्डन की तर्ज पर मां चर्मण्यवती उद्यान भी विकसित किया जाएगा।
जिसमें सफेद संगमरमर की मां चर्मण्यवती की विशाल प्रतिमा स्थापित की जाएगी। चम्बल के दोनों किनारों पर शहर का स्वरूप रियासतकालीन ही लगे, इसके लिए छतरिया और परकोटे की डिजाइन तैयार की जाएगी।