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नहीं पहुंचा टेल पर पानी
दायीं मुख्य नहर से पानी छोडऩे के बाद 25 अक्टूबर तक महज हैड क्षेत्र के खेतों को पानी इसलिए नहीं दिया गया। कि पहले टेल को तर करेंगे। हालात यह हैं कि एक नवम्बर तक भी टेल पर पानी नहीं पहुंचा है। अयाना वितरिका में पानी लुहावद तक पहुंचा है इसका टेल क्षेत्र रोझा खेड़ली है। यहां पानी नहीं पहुंचा है। लक्ष्मीपुरा डिस्ट्रीब्यूटरी में जयनगर तक पानी पहुंचा है वहां डूंगरली टेल क्षेत्र तक पानी अब भी नहीं पहुंचा है। अब हेड क्षेत्र में तय समय के अनुसार 25 अक्टूबर से पानी छोड़ दिया गया है। हैड पर देर से सही पर किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। अब हैड पर पानी छोडऩे के बाद टेल पर किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। खेतों के पड़त रह जाने की आशंका पैदा हो गई है। अब हैड के खेत तर होने के बाद ही वापस टेल पर पानी छोड़ा जाएगा। तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
नहीं पहुंचा टेल पर पानी
दायीं मुख्य नहर से पानी छोडऩे के बाद 25 अक्टूबर तक महज हैड क्षेत्र के खेतों को पानी इसलिए नहीं दिया गया। कि पहले टेल को तर करेंगे। हालात यह हैं कि एक नवम्बर तक भी टेल पर पानी नहीं पहुंचा है। अयाना वितरिका में पानी लुहावद तक पहुंचा है इसका टेल क्षेत्र रोझा खेड़ली है। यहां पानी नहीं पहुंचा है। लक्ष्मीपुरा डिस्ट्रीब्यूटरी में जयनगर तक पानी पहुंचा है वहां डूंगरली टेल क्षेत्र तक पानी अब भी नहीं पहुंचा है। अब हेड क्षेत्र में तय समय के अनुसार 25 अक्टूबर से पानी छोड़ दिया गया है। हैड पर देर से सही पर किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। अब हैड पर पानी छोडऩे के बाद टेल पर किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। खेतों के पड़त रह जाने की आशंका पैदा हो गई है। अब हैड के खेत तर होने के बाद ही वापस टेल पर पानी छोड़ा जाएगा। तब तक बहुत देर हो चुकी होगी।
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चंबल से निकली दायीं मुख्य नहर की क्षमता कमजोर होने के कारण एक साथ हैड व टेल पर पानी छोड़ा जाना तो संभव रहा ही नहीं है। अब तो हैड पर पानी बंद करने के बाद भी टैल तक पानी पहुंचाना संभव नहीं हो रहा है। पहले कोटा बैराज से 5500 क्यूसैक के मुकाबले एक नवम्बर को 6225 क्यूसैक पानी आ रहा है। वहां मध्यप्रदेश की मांग 3900 के मुकाबले पहले 3400 और अब पार्वती एक्वाडक्ट के जरिए 3000 क्यूसैक पानी दिया जा रहा है। अयाना ब्रांच की क्षमता 252 क्यूसैक की है। इसमें पहले 184 और अब 180 क्यूसैक पानी छोड़ा जा रहा है।
चंबल से निकली दायीं मुख्य नहर की क्षमता कमजोर होने के कारण एक साथ हैड व टेल पर पानी छोड़ा जाना तो संभव रहा ही नहीं है। अब तो हैड पर पानी बंद करने के बाद भी टैल तक पानी पहुंचाना संभव नहीं हो रहा है। पहले कोटा बैराज से 5500 क्यूसैक के मुकाबले एक नवम्बर को 6225 क्यूसैक पानी आ रहा है। वहां मध्यप्रदेश की मांग 3900 के मुकाबले पहले 3400 और अब पार्वती एक्वाडक्ट के जरिए 3000 क्यूसैक पानी दिया जा रहा है। अयाना ब्रांच की क्षमता 252 क्यूसैक की है। इसमें पहले 184 और अब 180 क्यूसैक पानी छोड़ा जा रहा है।
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भुवनेश वर्मा, कनिष्ठ अभियंता, सिंचाई उपखंड द्वितीय मांगरोल
भुवनेश वर्मा, कनिष्ठ अभियंता, सिंचाई उपखंड द्वितीय मांगरोल