पीडि़त शख्स गोङ्क्षवद कुमार ने बताया कि दो माह पहले सोशल मीडिया पर एक बड़ी कंपनी की इलेक्ट्रिक बाइक की बुङ्क्षकग के लिए विज्ञापन आया था। इस कंपनी की इलेक्ट्रिक बाइक अभी बाजार में नहीं है तो उसे लेने की मंशा से उन्होंने विज्ञापन पर दिए ङ्क्षलक पर क्लिक कर दिया। थोड़ी देर बाद ही पीडि़त की मेल आईडी पर एक मेल आया, जिसमें बुङ्क्षकग के लिए 499 रुपए जमा करवाने व कंपनी के नाम से एक अकाउंट नंबर भी दिया गया।
दस दिन पहले पीडि़त के पास एक शख्स का फोन आया, जिसमें बाइक की तीस प्रतिशत राशि खाते में जमा करवाने व शेष राशि बाइक की डिलीवरी मिलने के बाद जमा करवाने की बात कही। फोन करने वाले शख्स ने तीस प्रतिशत राशि मिलते ही बाइक को कोरियर से भेजने की बात कही। पीडि़त ने खाते में 30 हजार 420 रुपए जमा करवा दिए, लेकिन फिर फोन आया की आपकी ट्रैकर आईडी स्पष्ट नहीं होने से हम बाइक भेजने से सक्षम नहीं है। फिर पीडि़त को ठगी का अहसास हुआ। पीडि़त ने गुरुवार को इसकी शिकायत सांगोद थाने में दी। पुलिस ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।