सरगना कैलाश तंवर (23) और उसके साथी वैन मालिक रमेश रोहिला (28), जगदीश तंवर (25) व प्रेमसुख तंवर (25) अकलेरा, झालावाड़ के रहने वाले हैं। पूछताछ में स्मैक केशवरायपाटन कस्बे में छोटे तस्करों को सप्लाई करना बताया है।
पुलिस महानिदेशक (अपराध) मोहन लाल लाठर ने बताया कि सरगना कैलाश तंवर ने इससे पहले जयपुर, टोंक व सीकर जिले में भी स्मैक की सप्लाई करना स्वीकार किया है। मामले में गहनता से तफ्तीश कर तस्करी से जुड़े पूरे नेटवर्क को तोडऩे के लिए इससे जुड़े सभी अभियुक्तों का पता कर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक (अपराध) ने बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच की क्रिमिनल इन्टेलिजेन्स सेल (सीईसी) को सूचना मिली थी कि झालावाड़ से एक वैन में तस्कर कोटा में स्मैक सप्लाई करने वाले हैं। इस सूचना पर सीईसी यूनिट के प्रभारी पुलिस निरीक्षक जितेन्द्र गंगवानी के नेतृत्व में एक टीम झालावाड़ रवाना की गई।
रविवार सुबह से टीम कोटा-झालावाड़ हाइवे पर छोटे चौपहिया वाहनों की निगरानी कर रही थी। इसी दौरान झालावाड़ नम्बर की एक पुरानी वैन कोटा शहर की तरफ आते दिखाई दी। जिसे अनन्तपुरा थाने की जगपुरा चौकी के सामने रुकवा कर तलाशी ली तो पीछे की सीट के नीचे गुप्त स्थान बनाकर तीन पैकेटों में छिपी स्मैक मिली। वैन में सवार चारों तस्करों को गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज कर पूछताछ की जा रही है।