अखिलेश जैन ने डीटीओ की कार्रवाई को एक पक्षीय बताते हुए उसके खिलाफ आरटीओ के समक्ष अपील कर दी। 17 सितंबर को आरटीओ प्रकाश सिंह राठौड़ ने मामले की सुनवाई की। दोनों पक्षों की दलीलों और दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद सामने आया कि डीटीओ ने जैन का पक्ष सुने बिना ही उनके खिलाफ कार्रवाई की है, लेकिन प्रार्थी ने अपना अपराध कबूल करने के साथ ही तय जुर्माना भी अदा कर दिया था। इतना ही नहीं प्रार्थी उच्च शिक्षित होने के साथ ही शिक्षक भी है। ऐसे में आरटीओ ने माना कि उनके कृत्य से सैकड़ों छात्रों पर भी असर पड़ता है। शिक्षक की देखा देखी विद्यार्थी भी यातायात नियमों के उलंघन का पाठ न पढ़ जाएं इसीलिए डीएल निलंबन वापस लेने के बजाय उसकी अवधि को घटा कर 67 दिन कर दिया।
चार महीने की सजा कम करने के एवज में आरटीओ प्रकाश सिंह राठौर ने शिक्षक अखिलेश जैन को अनूठी सजा देते हुए 15 दिनों तक अपने ही संस्थान के विद्यार्थियों को मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने के अपराध की जानकारी देने, सभी विद्यार्थियों को वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात न करने, हैलमेट और सीट बैल्ट का इस्तेमाल करने के साथ ही सड़क सुरक्षा नियमों की पालना संबंधी नियमों की ऑडियो विजुअल जानकारी देने का आदेश जारी किया है। जैन को 15 दिनों तक सामाजिक दायित्व निभाते हुए किए गए जागरुकता कार्य का रिकॉर्ड भी आरटीओ दफ्तर में प्रस्तुत करना होगा। इसके बाद ही उनके डीएल के निलंबन की अवधि कम होगी। इसके साथ ही जैन को चेतावनी भी दी गई है कि यदि वह दोबारा मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाते पकड़े गए तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।
निलंबित हुए ड्राइविंग लाइसेंस कुल निलंबन – 1062
शराब पीकर वाहन चलाने पर – 222 गलत दिशा में वाहन चलाने पर – 431
दुर्घटना कारित करने पर – 80 तेज गति और लापरवाही पर- 230
मोबाइल पर बात करने पर – 99
मिल गई