scriptकोरोना ने बदल दिया रेलवे का व्यवसाय करने का तरीका | Corona changed the way of doing business of railways | Patrika News
कोटा

कोरोना ने बदल दिया रेलवे का व्यवसाय करने का तरीका

निकट भविष्य में कोटा होकर दिल्ली से मुंबई के बीच एक्सप्रेस-वे की सुविधा मिलेगी। सडक़ मार्ग से दिल्ली पहुंचने में चार घंटे का ही समय लगेगा। इसी तरह मुंबई का सफर भी 8 घंटे को जाएगा। कोटा में एयरपोर्ट भी प्रस्तावित है।

कोटाNov 16, 2021 / 11:09 am

Jaggo Singh Dhaker

RAILWAY

RAILWAY—भगत की कोठी से पहली बार माललदान शुरू

कोटा. कोरोना संक्रमण के बाद यात्री यातायात प्रभावित होने के बाद रेलवे की ओर से कमाई को लेकर पूरा जोर माल यातायात पर दिया जा रहा है। अब रेलवे निजी क्षेत्र की व्यवसायिक फर्म की तरह मार्केट रिसर्च और व्यापार रणनीति बनाकर राजस्व में इजाफा करने पर जोर दे रहा है। व्यापारियों को लुभाने के लिए स्कीम भी ऑफर कर रहा है। इसके लिए कोटा रेल मंडल में बिजनेस डवलपमेंट यूनिट गठित की गई है। यह यूनिट नई संभावनाएं तलाशकर आय को बढ़़ा रही है। बिजनेस यूनिट ने विभिन्न शहरों में जाकर पिछले छह महीने में 30 बैठकें की और 100 से भी अधिक माल व्यापारियों से संपर्क किया। उन्होंने रेलवे की स्कीम का ऑफर दिया। माल परिवाहन की नई संभावनाओं के चलते मांडलगढ़ में कंटेनर रेल टर्मिनल शुरू किया जा रहा है।
इन जगहों पर किया फोकस
बिजनेस डवलपमेंट यूनिट ने कोटा, झालावाड़, रामगंजमंडी, भीलवाड़ा, करौली, बूंदी, छबड़ा, बारां और भरतपुर से ज्यादा माल परिवहन का लक्ष्य तय किया है।

इनके परिवहन पर जोर
सेंड स्टोन, फ्लाईऐश, रिफाइंड तेल, गेंहू, दालें, गेरू
रफ्तार भी बढ़ाई
रेलवे ने माल का परिवहन जल्द करने के लिए मालगाडिय़ों की रफ्तार में भी इजाफा किया है। पश्चिम मध्य रेलवे में अप्रेल 2019 से मार्च 2020 तक मालगाडिय़ों की औसत रफ्तार 37 किमी प्रतिघंटे थी, जो अब बढकऱ 56.7 किमी प्रतिघंटे हो गई है। कोटा मंडल में मालगाडिय़ों की रफ्तार 62.7 किमी प्रति घंटे है।
जल्द मिलेगी कंटेनर रेल टर्मिनल की सौगात
डीआरएम पंकज शर्मा ने बताया कि मांडलगढ़ में कंटेनर रेल टर्मिनल की सौगात बहुत जल्द माल व्यापारियों को मिलेगी। इस सुविधा के प्रारंभ होने से मांडलगढ़ से कंटेनर के जरिए माल भेजना व्यापारियों के लिए सुविधाजनक होगा। इसके बाद माल व्यापारियों को जयपुर या रावंठा रोड तक अपना माल ले जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। मांडलगढ़ से ही सीधे मुन्द्रा पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट के जरिए विदेशों तक कंटेनर के जरिए माल भेजना आसान होगा। यहां से औसतन 620 कंटेनर मुन्द्रा पोर्ट और लगभग 200 कंटेनर प्रतिमाह जेएनपीटी बंदरगाह के लिए यानी लगभग 15 से 20 कंटेनर रैक प्रतिमाह लोड होने की उम्मीद है।
रेलवे ने बढ़ाई कमाई
भारतीय रेलवे का अक्टूबर माह का आंकड़ा पिछले वर्ष की लदान और इसी अवधि के लिए आय की सीमा को पार कर गया। भारतीय रेलवे का लदान अक्टूब में 117.34 मिलियन टन रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की लदान 109.01 मिलियन टन की तुलना में 7.63 प्रतिशत अधिक है। इस अवधि में भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई से 12311.46 करोड़ रुपए की कमाई की जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की आय 10416.60 करोड़ की तुलना में 18.19 प्रतिशत अधिक है।
यात्रियों को लुभाने के प्रयास बड़े स्तर पर हो रहे
निकट भविष्य में कोटा होकर दिल्ली से मुंबई के बीच एक्सप्रेस-वे की सुविधा मिलेगी। सडक़ मार्ग से दिल्ली पहुंचने में चार घंटे का ही समय लगेगा। इसी तरह मुंबई का सफर भी 8 घंटे को जाएगा। कोटा में एयरपोर्ट भी प्रस्तावित है। ऐसे में सडक़ मार्ग से स्पद्र्धा करने के लिए रेलवे ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की परियोजना पर तेजी से कार्य कर रहा है। वहीं ट्रेनों में आधुनिक कोच लगाए जा रहे हैं। इसके साथ रेलवे स्टेशनों का विश्व स्तरीय पुनर्विकास करने पर जोर दिया जा रहा है। कोटा जंक्शन और डकनिया तलाव स्टेशन के भवनों को एयरपोर्ट जैसा लुक दिया जाएगा।

Home / Kota / कोरोना ने बदल दिया रेलवे का व्यवसाय करने का तरीका

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो