चार दलों ने शहर के नई धानमंडी, गुमानपुरा, दादाबाड़ी, कैथूनीपोल, विज्ञान नगर समेत अन्य इलाकों में 30 दुकानों का निरीक्षण किया। इस दौरान चार दुकानों पर निर्धारित दर से अधिक में वस्तुओं का बेचान पाया गया। इस पर दादाबाड़ी मैन चौराहा स्थित गुरु नानक प्रोविजन स्टोर, सिंधी कॉलोनी स्थित लक्ष्मी किराना स्टोर, कैथूनीपोल मैन चौराहा स्थित वृद्धि चंद-शंभू दयाल किराना स्टोर और विज्ञान नगर में सुविधा प्रोविजन स्टोर पर छापामार कार्रवाई कर दुकानदारों के खिलाफ आवश्यक सेवा वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की। चारों दुकानदारों द्वारा राशन सामग्री के ऊंचे दाम वसूले जाने की शिकायत मिली थी।
भाजपा ने की दो महीने के बिजली बिल माफ करने की मांग नहीं बेच सकते ज्यादा दाम पर : उन्होंने बताया कि वस्तुओं पर उसका अधिकतम बिक्री मूल्य निर्धारित होता है। इससे अधिक कीमत पर दुकानदार इसे नहीं बेच सकते। ऐसे में यदि दुकानदार निर्धारित मूल्य से अधिक पर वस्तु को बेचते हुए पाए जाते हंै तो उनके खिलाफ आवश्यक सेवा वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिला कलक्टर, जिला रसद अधिकारी कार्यालय में इसकी शिकायत की जा सकती है।
ज्यादा मुनाफे के लालच ने बढ़ाया संकट, कई दुकानदार वसूल रहे मनमाने दाम रात को भी कॉल पर दौड़ पड़ती है टीम
कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण से आमजन को बचाने के लिए मेडिकल कॉलेज की रेस्पांस टीम रात के समय भी पूरी तरह से सजग रहती है। मेडिकल कॉलेज की तीसरी रेस्पांस टीम के सदस्यों से पत्रिका से बातचीत में बताया कि किसी भी विदेश या अन्य जिलों से आने वाले व्यक्ति की सूचना सीएमएचओ ऑफिस को मिलती है। उनकी टीम पहले स्क्रीनिंग करती है। उसके बाद वाट्सएप ग्रुप या फोन के माध्यम से रेस्पांस टीम को सूचना मिलती है। रेस्पांस टीम मरीज के घर के उक्त स्थान पर पहुंचती है। उसके बाद टीम स्क्रीनिंग करती है। उसके बाद मरीज के टेस्ट होते है। उसके लक्षणों के आधार पर उसे होम, क्वारेंटाइन या भर्ती करने का काम होता है। रेस्पांस टीम अब तक करीब 80 मरीजों की स्क्रीनिंग कर चुकी है। टीम प्रोटेक्शन किट पहनकर मरीज की स्क्रीनिंग करती है। संक्रमण से बचाव में सावधानी बरती जाती है।
कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण से आमजन को बचाने के लिए मेडिकल कॉलेज की रेस्पांस टीम रात के समय भी पूरी तरह से सजग रहती है। मेडिकल कॉलेज की तीसरी रेस्पांस टीम के सदस्यों से पत्रिका से बातचीत में बताया कि किसी भी विदेश या अन्य जिलों से आने वाले व्यक्ति की सूचना सीएमएचओ ऑफिस को मिलती है। उनकी टीम पहले स्क्रीनिंग करती है। उसके बाद वाट्सएप ग्रुप या फोन के माध्यम से रेस्पांस टीम को सूचना मिलती है। रेस्पांस टीम मरीज के घर के उक्त स्थान पर पहुंचती है। उसके बाद टीम स्क्रीनिंग करती है। उसके बाद मरीज के टेस्ट होते है। उसके लक्षणों के आधार पर उसे होम, क्वारेंटाइन या भर्ती करने का काम होता है। रेस्पांस टीम अब तक करीब 80 मरीजों की स्क्रीनिंग कर चुकी है। टीम प्रोटेक्शन किट पहनकर मरीज की स्क्रीनिंग करती है। संक्रमण से बचाव में सावधानी बरती जाती है।