139 के माध्यम से प्रदान की जाने वाली कॉल सेंटर आधारित और आईवीआरएस सेवाओं के अलावा 138 नंबर का उपयोग किया जा रहा है। रेलवे की ओर से पूरे देश में अपने ग्राहकों की बड़ी संख्या तक अपनी सेवा को व्यापक पहुंच प्रदान करने का का प्रयास है। बड़ी संख्या में गैर-रेलवे से संबंधित प्रश्न, विशेष रूप से कोविड-19 से संबंधित, केवल स्थानीय भाषा की जानकारी रखने वाले व्यक्तियों की ओर से आ सकते हैं। इसलिए मांगी गई जानकारी स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराई जा रही है। रेलवे प्रशासन और आम लोगों के बीच सूचना और सुझावों के निर्बाध प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे बोर्ड ने यह सेल खोला है। यह नियंत्रण कार्यालय 24 घंटे काम कर रहा है। एक निदेशक स्तर के अधिकारी को इसकी जिम्म्मेदारी दी गई है।
इसके अलावा सोशल मीडिया, विशेषकर ट्विटर पर रुझानों की निगरानी के अलावा, रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों द्वारा सामना की जाने वाली किसी भी कठिनाई में की जानकारी देने और उस कठिनाई को कम करने के लिए समय पर कार्रवाई करने का काम करेगा। वर्तमान समय में 139 की सेवा केंद्रीकृत के रूप में काम करना जारी रहेगी। 138 एक हेल्पलाइन नंबर है जो कॉल करने वाले को सीधे स्थानीय रेलवे डिवीजन तक लेकर जाएगा। 138 और 139 दोनों के साथ-साथ सोशल मीडिया सेल द्वारा पूछताछ का जवाब देने, सहायता प्रदान करने और रेलवे ग्राहकों और अन्य लोगों को प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करने के लिए 24 घंटे काम किया जा रहा है। सुझावों को भी स्वीकार किया जा रहा है।