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कोटा

डेंगू का दर्द बढ़ा, नियंत्रण के लिए जंग का ऐलान

राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जिलों में 24 घंटे कार्यरत कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। साथ ही रैपिड रेस्पांस टीमों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक ‘डेंगू मुक्त राजस्थानÓ अभियान चलाया जाएगा।

कोटाOct 19, 2021 / 11:06 pm

Jaggo Singh Dhaker

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कोटा. हाड़ौती सहित प्रदेश के कई जिलों में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। चिकित्सा विभाग के अनुसार कोटा में मंगलवार को डेंगू के 28 व स्क्रब टायफस के 4 मरीज मिले। इस सीजन में अब तक डेंगू के 754, स्क्रब टायफस के 92, चिकनगुनिया के 13 व मलेरिया के 2 मरीज सामने आ चुके हैं। प्रदेश में मौसमी बीमारियों का कहर बढऩे पर सरकार ने राज्य स्तर पर डेंगू के खिलाफ मुहिम चलाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राज्य सरकार डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर सहित अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के प्रति पूरी तरह सजग एवं गंभीर है। इनके उपचार के सभी प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों पर काबू पाने के लिए राज्य में 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक ‘डेंगू मुक्त राजस्थानÓ अभियान चलाया जाएगा। गहलोत ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को बेहतर समन्वय से जुटने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा कि अभियान के दौरान फोगिंग एवं एंटी-लार्वल गतिविधियां पूरी मुस्तैदी से संचालित की जाएं। नगरीय इलाकों के साथ-साथ गांव-ढाणियों में भी मच्छरों को नष्ट करने के लिए फोगिंग की जाए। घरों के आसपास मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव कराएं। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों का प्रकोप अधिक है, वहां स्थानीय चिकित्सा प्रशासन की सहायता के लिए नोडल ऑफिसर भेजे जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जिलों में 24 घंटे कार्यरत कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। साथ ही रैपिड रेस्पांस टीमों के गठन के निर्देश दिए गए हैं। मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी के ठहराव वाले स्थानों पर एमएलओ (मॉस्किटो लार्विसाइड ऑयल) दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। गहलोत ने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए प्रदेशवासियों का जागरूक रहना भी बहुत जरूरी है। सावधानी बरती जाए तो इन बीमारियों का प्रमुख कारण मच्छरों को पनपने से रोका जा सकता है। पूरी आस्तीन वाले कपड़े पहनें। उन्होंने कहा कि डेंगू के मरीज डॉक्टर की देखरेख में दवाएं लेकर ठीक हो सकते हैं। बुखार आने पर घबराएं नहीं, तुरंत नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं और समय पर उपचार लें। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे अपने घर एवं आसपास कूलर, खुली टंकियों, परिंडे में व्यर्थ जमा पानी को खाली कर दें। कहीं पानी का जमाव हो तो वहां सप्ताह में एक बार केरोसीन, जला हुआ ऑयल अथवा कोई भी तेल डालें ताकि मच्छरों के अंडे एवं लार्वा नष्ट हो जाएं।

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