सुकेत निवासी मुरलीधर गुप्ता ने जेवीवीएनएल के अधीक्षण अभियंता, निगम के सहायक अभियंता सुकेत के खिलाफ 29 मार्च 2016 को परिवाद उपभोक्ता मंच में पेश किया था। जिसमें उसने बताया कि उसने स्वयं के नाम से अपनी कृषि भूमि पर विद्युत कनेक्शन के लिए जेवीवीएनएल के चेचट कार्यालय में आवेदन किया था।
जिसकी एवज में डिमांड राशि 2575 रुपए 2 जुलाई 2007 को जमा करा दिए थे। दोबारा डिमांड करने पर 9 मार्च 2010 को 7200 रुपए जमा कराए थे। प्रार्थी द्वारा डिमांड राशि जमा कराने और कई बार पत्र लिखने के बाद भी जेवीवीएनएल ने उन्हें विद्युत कनेक्शन जारी नहीं किया।
इस पर जब उन्होंने निगम के चेचट कार्यालय में जाकर संपर्क किया, तो वहां से उनके नाम पर जारी एक बिल की प्रति दी और बताया कि उनके रिकॉर्ड के हिसाब से विद्युत कनेक्शन वर्ष 2010 में जारी हो चुका है। जबकि प्रार्थी की कृषि भूमि पर अभी तक कोई कनेक्शन जारी नहीं किया गया। परिवाद में बताया कि बिना कनेक्शन जारी कर उन्हें न केवल 5274 रुपए का बिल भेज दिया और दोबारा से बिल जारी कर दिया है। विद्युत कनेक्शन नहीं दिए जाने से फसल खराब होने व सालाना एक लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद मंच ने जेवीवीएनएल के अधिकारियों को आदेश दिए कि वे परिवादी को बिजली का कनेक्शन जारी कर एक लाख रुपए बतौर क्षजतपूर्ति अदा करे। साथ ही 5 हजार रुपए परिवाद व्यय भी दें।