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आतिशबाजी पर छूट से विक्रेताओं की उम्मीदों को लगे पंख, चेहरे खिले,अच्छे कारोबार की उम्मीद

कोटा. पटाखे चलाने से रोक हटने के बाद अब दीपावली की खुशियां चौगुनी हो जाएंगी। सरकार की ओर से आतिशबाजी पर दी गई छूट के बाद आमजन में खुशी है। पटाखों के विक्रेताओं के चेहरे भी खिल गए हैं।
 
 
 

कोटाOct 19, 2021 / 10:57 pm

Hemant Sharma

deepawali-2021

आतिशबाजी पर छूट से विक्रेताओं की उम्मीदों को लगे पंख, चेहरे खिले,अच्छे कारोबार की उम्मीद

कोटा. पटाखे चलाने से रोक हटने के बाद अब दीपावली की खुशियां चौगुनी हो जाएंगी। सरकार की ओर से आतिशबाजी पर दी गई छूट के बाद आमजन में खुशी है। पटाखों के विक्रेताओं के चेहरे भी खिल गए हैं। विक्रेताओं के मुताबिक एक अनुमान के तौर पर जिले में 8 से 10 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है, वहीं कई लोगों को रोजगार मिलेगा। आतिशबाजी व्यापार संघ के सचिव सुरेश गुप्ता व विक्रेता महेश गुप्ता मानते हैं कि यह छूट कुछ दिन पहले मिल जाती तो और अच्छा होता।
आतिशबाजी के करीब 700 से अधिक विक्रेता

जिले में आतिशबाजी के छोटे-बड़े 600 से 700 विक्रेता हैं। हर दुकान पर सीजन में कम से कम एक से डेढ़ लाख की बिक्री का अनुमान है। ऐसे में औसत 10 करोड़ का व्यापार होता है। कुछ व्यवसायियों के अनुसार संभाग में 50 करोड़ के व्यापार का अनुमान है।
लगाई थी रोक

सरकार ने इससे पहले 1 अक्टूबर से 31 जनवरी 2022 तक त्योहारों पर पटाखे चलाने पर रोक लगा रखी थी। गृह विभाग ने शुक्रवार को ही संशोधित आदेश जारी कर एनसीआर को छोड़कर अन्य हिस्सों में दीपावली पर दो घंटे आतिशबाजी करने की छूट दी है। इसके अनुसार दीपावली पर लोग रात 8 से 10 बजे तक ग्रीन पटाखे चला सकेंगे।
पिछली बार थी रोक

गत वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश सरकार ने आतिशबाजी पर रोक लगा दी थी। विक्रेताओं ने काफी माल स्टॉक किया था, लेकिन रोक लगने से विक्रेताओं की हालत खस्ता हो गई थी।
क्या है ग्रीन आतिशबाजी

ग्रीन आतिशबाजी से अन्य सामान्य पटाखों की अपेक्षा कम प्रदूषण फैलता है। श्रीपुरा क्षेत्र में विक्रेता विपिन अरोड़ा बताते हैं कि इन पटाखों में ऐसे तत्वों की कमी होती है जो वायु को प्रूदषित करते हैं। ग्रीन पटाखों की पहचान के लिए इनकी पैंकिंग पर नीरी (नेशनल इनवायर्नमेंटल इंजीनियंरिग रिसर्च इंस्टीट्यूट) का हरे रंग का लोगो व साथ में क्यूआर कोड होता है। इस कोड को स्केन कर पटाखों की पहचान की जा सकती है।
करेंगे पालना

श्रीपुरा क्षेत्र के विक्रेता धर्मवीर अरोड़ा, घंटाघर में शाहरुख के अनुसार बाजार में ग्रीन आतिशबाजी आ गई है। आतिशबाजी को लेकर प्रशासन जो गाइड लाइन तय करेगा, उसी के अनुरूप कार्य करेंगे। विक्रेताओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी के बाद से पटाखों की खरीद शुरू हो जाती है।
बिना आतिशबाजी दिवाली अधूरी

शास्त्री नगर दादाबाड़ी के रोहित गुप्ता के अनुसार दिवाली पर ही पटाखे नहीं चलाओ तो क्या मजा है। पिछले साल भी आतिशबाजी पर रोक लग गई थी। अब पर्यावरण का ध्यान रखते हुए ग्रीन पटाखे चलाएंगे।जवाहर नगर के अनमोन शर्मा कहते हैं कि दिवाली का असली मजा तो अब आएगा। पटाखों पर रोक लगी तो मन उदास हो गया था। हम इस तरह से पटाखे चलाएंगे कि किसी को कोई नुकसान नहीं हो।
महावीर नगर विस्तार योजना की रक्षा शर्मा कहती है कि बच्चों के लिए तो पटाखे व नए कपड़ों से ही दीपावली होती है।छूट मिली है तो हमारा भी दायित्व है कि बच्चों को सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार ही पटाखे चलाने के लिए प्रेरित करें। कृष्णा नगर बोरखेउ़ा की आरोही गुप्ता ने बताया कि पिछली बार भी हम पटाखे नहीं चला पाए थे। इस बार चलाएंगे। हम एेसे पटाखे चलाएंगे जिससे पर्यावरण को भी किसी तरह से नुकसान नहीं हो।

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