scriptडॉक्टर व इलाज अच्छा, लेकिन कुव्यवस्था मार रही है | Doctor and treatment is good, but maladjustment is killing | Patrika News
कोटा

डॉक्टर व इलाज अच्छा, लेकिन कुव्यवस्था मार रही है

मरीज के परिजन नि:शुल्क इलाज व नि:शुल्क दवा के लिए काउंटर-दर-काउंटर व कतार-दर-कतार में खड़े रहकर इतने परेशान हो जाते हैं कि वे निजी अस्पताल जाने को विवश हो जाते हैं।

कोटाNov 12, 2021 / 12:49 pm

Kanaram Mundiyar

mbs.jpg
के. आर. मुण्डियार

कोटा. प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में अनुभवी विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं। दवा से लेकर जांचें तक नि:शुल्क है। निजी अस्पतालों की तुलना में इलाज भी बेहतर है, इसके बावजूद कई मरीज निजी अस्पतालों का रूख कर जाते हैं। ऐसे कौनसे कारण है, जिसकी वजह से मरीज व उनके परिजन अच्छा व नि:शुल्क इलाज छोडकऱ निजी अस्पताल जाकर भारी भरकम राशि पर इलाज कराने को विवश हो जाते हैं। पत्रिका ने मरीजों केे परिजन की विवशता पर पड़ताल की तो एक ही बड़ा कारण सामने आया कि सरकारी अस्पताल में सुनवाई जल्दी नहीं होती। मरीज के परिजन नि:शुल्क इलाज व नि:शुल्क दवा के लिए काउंटर-दर-काउंटर व कतार-दर-कतार में खड़े रहकर इतने परेशान हो जाते हैं कि वे निजी अस्पताल जाने को विवश हो जाते हैं। ओपीडी और आपातकालीन में मरीज को दिखाने के लिए रजिस्टे्रशन पर्ची के बाद भर्ती होने पर एक्सरे, सोनोग्राफी, ईसीजी, इको इत्यादि अन्य किसी भी तरह की जांच के लिए नि:शुल्क पर्ची कटवाने, पर्ची पर एमओ की सील लगवाने से लेकर नि:शुल्क दवा लेने तक के लिए कतार में लगना पड़ता है। ऐसा ही परेशानी इनडोर यानि भर्ती मरीजों के परिजन को हर रोज झेलनी पड़ती है। भर्ती रहने तक मरीज के परिजन को यह दर्द हर रोज की जांच, बाहर के काउंटर से मंगवाने वाली दवा आदि के लिए दर्द झेलना पड़ता है। बड़ा सवाल यह है कि सरकारी अस्पतालों में सबकुछ नि:शुल्क इलाज है तो पर्चियां काटने के लिए बार-बार कतार का दर्द क्यों दिया जा रहा है। वार्ड में भर्ती मरीज के लिए वार्ड से ही पर्ची देकर सीधे दवा या जांच के लिए क्यों नहीं भेजा जा रहा।
सिंगल विंडो व्यवस्था क्यों नहीं
जब सरकारी अस्पताल में इलाज नि:शुल्क है तो नि:शुल्क की पर्चियां कटवाने के लिए कतार का दर्द क्यों दिया जा रहा। वार्ड में भर्ती मरीज की पर्ची वार्ड से ही क्यों नहीं कटती। अस्पतालों में ऐसा सिस्टम विकसित क्यों नहीं हो रहा कि मरीज के परिजन को चिकित्सा बीमा योजना का लाभ लेने के लिए बार-बार कतार में नहीं लगना पड़े। हर बार आधार व अन्य दस्तावेज की फोटो प्रतियां नहीं देनी पड़े। सरकारी अस्पतालों के सभी पर्ची काउंटर पर सिंगल विंडो जैसी व्यवस्था विकसित की जा सकती है।
कहां-कहां कतार
आउटडोर
-रजिस्ट्रेशन पर्ची काउंटर पर कतार
ओपीडी या इमरजेंसी में चिकित्सक को दिखाने के लिए कतार
-चिकित्सक परामर्श के बाद रक्त, एक्सरे आदि जांच के लिए नि:शुल्क जांच के लिए कतार
-नि:शुल्क जांच की पर्ची लेने के बाद सैम्पल देने और एक्सरे करवाने के लिए कतार
-रक्त या मूत्र आदि का सैम्पल लैब में जमा करवाने के लिए कतार
-जांच की रिपोर्ट लेने के लिए कतार
-चिकित्सक परामर्श पर्ची पर लिखी दवा नि:शुल्क लेने के लिए कतार
इनडोर
-दवाई के लिए कतार
-जांच के लिए पर्ची बनवाने के लिए कतार
-लैब में सैम्पल जमा कराने के लिए कतार
-जांच रिपोर्ट लेने के लिए कतार
बढ़ती है परेशानी
घंटों कतार में खड़े रहते-रहते ओपीडी का समय समाप्त हो जाता है, दुबारा लौटना पड़ता है। ब्लड जांच का सैम्पल लैब में देने से पहले नि:शुल्क जांच की पर्ची कटवानी होती है। कई बार सैम्पल जमा करवाने तक समय समाप्त हो जाता है।
प्रवेश द्वार के पास लगे सूचना बोर्ड
कोटा के एमबीएस अस्पताल में ऐसा कोई सूचना बोर्ड नहीं है, जिस पर चिकित्सक कक्ष, जांच कक्ष, दवा काउंटरों की संख्या, नि:शुल्क पर्ची कहां कटेगी इत्यादि जानकारी लिखी हो। अस्पताल के प्रवेश द्वार के पास ही इस तरह को सूचना बोर्ड लगाया जाएं तो मरीजों को काफी राहत मिल सकती है।
यह किया जा सकता है समाधान
सरकारी अस्पतालों का पोर्टल बनाकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की जा सकती है। ताकि मरीज ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर निर्धारित समय पर चिकित्सक का परामर्श ले सके।

एमबीएस अस्पताल में नया आउटडोर ब्लॉक निर्माणाधीन है, जल्द कतार की समस्या से निजात मिल जाएगी।
-प्रो. विजय सरदाना, नियंत्रक, मेडिकल कॉलेज
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो