पहाड़ों से निकलकर अब मैदानी इलाकों में कहर बरपाने पहुंचा स्क्रब टायफस, कोटा-बूंदी में 2 लोगों की मौत
घायल युवक के परिजनों ने बताया कि पड़ौती का पालतु श्वान मोहल्ले में से गुजरते समय राहगीरों पर भौंकता है और कभी-कभी तो काटने दौड़ता है। कई बार श्वान मालिक से श्वान को बांधकर रखने का आग्रह किया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पुलिस के अनुसार घायल युवक के परिजनों ने शिकायत दी है। मामले की जांच की जा रही है।
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गाडिय़ों के पीछे भागते हुए करते हैं जख्मी शहर के कई इलाकों की सड़कें रात को श्वानों के कब्जे में रहती है। यहां से गुजरने के दौरान श्वान बाइकों व कारों के पीछे दौड़ते हैं। इनमें सबसे ज्यादा खतरा बाइक सवारों को होता है। चलती गाड़ी पर ये किसी का भी पैर पकड़ लेते हैं। कई बार मोटर साइकिल सवार गाड़ी से गिरकर घायल हो जाता है। चौपहिया वाहन के पीछे भी ये दूर तक भागते रहते हैं।
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एक मिमी रोजाना की रफ्तार से बढ़ता है वायरस आवारा श्वान के काटने के बाद उसकी लार में मौजूद वायरस इंसान के रक्त में मिल जाता है। यह वायरस एक मि.मी. प्रति दिन की रफ्तार से मस्तिष्क की ओर आगे बढ़ता है। इसलिए ही पैर में काटने पर मौत देर से होती है और चेहरे अथवा सीने पर काटने पर वायरस तेजी से मस्तिष्क तक पहुंचता है। एनसेफेलाइटिस होने के बाद मरीज की मौत तक हो जाती है।