देई नगर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मायाप्रकाश ने 1987 में दसवीं बोर्ड परीक्षा दी थी, लेकिन पास नहीं हुए तो पढ़ाई छोड़ दी। पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्य के लिए भी दसवीं पास होना अनिवार्य हो जाने से 2015 में हुए पंचायत समिति व जिला परिषद के टिकट से वंचित रह जाने के बाद फिर पढ़ाई याद आई। इसी वर्ष स्टेट ओपन स्कूल से परीक्षा दी और पास भी हो गए।
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रोडवेज चालक ने 21 साल बाद उत्तीर्ण की 10वीं
उम्र पढ़ाई में कभी बाधा नहीं बनती, यह साबित कर दिखाया 58 वर्षीय रामप्रसाद गोस्वामी ने। रोडवेज में चालक रामप्रसाद ने 37 साल बाद राजस्थान स्टेट ओपन से दसवीं की परीक्षा पास कर ली। बेटी ने उन्हें पास होने की सूचना दी। रामप्रसाद बताते हैं कि 1986 में रोडवेज में नौकरी लगी थी। वे 1997 में नवीं पास कर चुके थे। नौकरी लगने के बाद सोचा कि अब तो रोजगार की कमी पूरी हो गई तो आगे पढ़ाई करने से क्या फायदा, लेकिन समय के साथ उनको शिक्षा की कमी खलती रही। इसके बाद स्टेट ओपन से पढ़ाई करने की सोची। रामप्रसाद के पास होने की खुशी में बूंदी डिपो मैनेजर ऑपरेशन महेन्द्र कुमार मीणा ने उनका स्वागत कर मुंह मीठा करवाया।