खेतों में ही दफन हुई किसानों की उम्मीदें
अतिवृष्टि से गल गई खरीफ की फसल…पानी सूखने पर नजर आ रही बर्बादी….
सांगोद में एक खेत में लगातार पानी में डूबी रहने से खराब हुई धान की फसल।
सांगोद. क्षेत्र में इस बार खरीफ की ज्यादातर फसलें खेतों में ही खराब हो गई। एक माह पूर्व हुई जोरदार बारिश के बाद लगातार चले बारिश के दौर से कई निचले खेतों में पानी नहीं सूखा। ऐसे में इन खेतों में फसलें लगातार पानी में डूबी रहने से गल व सड़ गई। अब जब खेतों का पानी सूखने लगा है तो बर्बादी का मंजर साफ नजर आ रहा है। धान के साथ ही सोयाबीन, मक्का आदि की फसलें भी गल गई हैं।
जानकारी के अनुसार सांगोद क्षेत्र में १५ व १६ अगस्त को लगातार दो दिन तक तेज बारिश के बाद खेतों में लहलहाती फसलों से अच्छे उत्पादन की किसानों की आस टूट गई।
इसके बाद भी लगातार बारिश का दौर चलता रहा। खेतों में पानी नहीं सूखने से फसलें लगातार कई दिनों तक पानी में डूबी रही। ऊंचाई वाले खेतों व जिन खेतों में पानी की निकासी की व्यवस्था है वहां तो फसलें बच गई, लेकिन जिन खेतों में पानी निकास नहीं हो सका वहां फसलें गल चुकी हैं।
बीस बीघा में पांच बीघा की सोयाबीन की फसल पूरी तरह खराब हो गई। बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि सर्वे भी कर गए, लेकिन किसानों को इतना तो मुआवजा मिलना चाहिए कि उनकी लागत निकल जाए। – जमनाशंकर किसान सांगोद
खेतों में पानी सूखने के बाद अब खराबा नजर आ रहा है। जहां पानी भराव रहा वहां फसलें गल गई। किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है। सरकार को किसानों को मुआवजा देना चाहिए। – नंदकिशोर, किसान सांगोद।
फसलों में बारिश से हुए खराबे का सर्वे चल रहा है। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि, राजस्व विभाग के कर्मचारी और कृषि विभाग की टीमें सर्वे में जुटी हुई है। रिपोर्ट संबंधित बीमा कंपनी को दे दी जाएगी। – राजूलाल, कृषि पर्यवेक्षक।
Home / Kota / खेतों में ही दफन हुई किसानों की उम्मीदें