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कोटा

मानसून की दस्तक के साथ बीज मंडी में किसानों की मुश्किल बढ़ी

खरीफ फसल की बुवाई को लेकर किसान सक्रिय

कोटाJun 29, 2018 / 08:00 pm

​Zuber Khan

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कोटा.. हाड़ौती में मानसून सक्रिय होने के साथ ही खरीफ फसल की बुवाई को लेकर किसानों की खेतों में सक्रियता बढ़ गई है। किसान खेतों की हंकाई-जुताई में जुट गए हैं। खेतों में टै्रक्टर फर्राटे मारते दिख रहे हैं। इसके साथ ही किसान खरीफ की बुवाई के लिए बाजारों में बीज की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। भामाशाह मंडी गेट के बाहर, नई धानमंडी, नयापुरा, लाडपुरा स्थित बीज भंडारों पर किसानों की चहल-पहल बढऩे लगी है। जहां किसान सोयाबीन, मक्का, ज्वार, तिल आदि के बीज की पूछपरख कर रहे हैं।
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नई धान मंडी में बीज खरीदने आए किसानों ने बताया कि इस साल क्रय-विक्रय सहकारी समितियों, ग्राम सेवा सहकारी समितियों में राजसीड का बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। एेसे में किसानों को मजबूरन निजी बीज विक्रेताओं से प्राइवेट कम्पनियों का बीज खरीदना पड़ रहा है। विक्रेता प्रवीण जैन ने बताया कि विगत वर्षों में तो बीज निगम ने निजी डीलरों को राजसीड का बीज उपलब्ध कराया था, लेकिन इस साल बीज नहीं दिया। एेसे में राजसीड के बीज की शुरू से ही कमी चल रही है। न तो सरकारी एजेंसियों के पास है, न ही अधिकृत विक्रेताओं के पास। एेसे में मध्यप्रदेश की निजी बीज कम्पनियों का बीज मंगवाकर बेचना पड़ रहा है।

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लक्ष्य से आधा बीज ही उपलब्ध है
बीज निगम के क्षेत्र प्रबंधक आर.के. जैन ने बताया कि जयपुर मुख्यालय से इस साल के लिए सोयाबीन की जेएस-9560, जेएस 470,335 किस्म का 15900 क्विंटल वितरण का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। इसके मुकाबले अब तक गांव-गांव चलाए गए बीज रथों के माध्यम से किसानों को मात्र 7381 क्विंटल बीज ही वितरित कर पाए। बीज की मांग लगातार बनी हुई है। एेसे में चित्तौड़, उदयपुर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा आदि बीज विधायक केंद्रों को बीज आपूर्ति प्रस्ताव भेजा है।

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