scriptOMG : रात की बिजली का अहसान, जिदंगी दावं पर लगा चुका रहा किसान, कड़ाके की ठंड में सिंचाई करने को मजबूर अन्नदाता | farmer irrigating the fields all night of cold weather | Patrika News
कोटा

OMG : रात की बिजली का अहसान, जिदंगी दावं पर लगा चुका रहा किसान, कड़ाके की ठंड में सिंचाई करने को मजबूर अन्नदाता

हाड़कंपाती सर्द रातों में जहां लोग रजाईयों में दुबके रहते है वहीं धरतीपुत्रों की पूरी रात खेतों में सर्द हवाओं के बीच गुजरती है।

कोटाDec 01, 2018 / 08:50 pm

​Zuber Khan

farmer

OMG : रात की बिजली का अहसान, जिदंगी दावं पर लगा चुका रहा किसान, कड़ाके की ठंड में सिंचाई करने को मजबूर अन्नदाता

सांगोद. हाड़कंपाती सर्द रातों में जहां लोग रजाईयों में दुबके रहते है वहीं धरतीपुत्रों की पूरी रात खेतों में सर्द हवाओं के बीच गुजरती है। बचाव के लिए इनके पास न तो पक्की दीवार है और न ही छत। सिर्फ प्लास्टिक के टाट व कपड़ों से बनी टापरियों में रात खेतों में गुजारना किसानों की मजबूरी बनी हुई है। सर्द हवाओं से किसानों का शरीर कंपकंपाता है।
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विद्युत निगम और सरकार की व्यवस्थाओं ने किसानों को खुले आसमान के नीचे रतजगा करने को मजबूर कर दिया। इन दिनों किसानों को रात में छह से सात घंटे बिजली दी जा रही है। उच्च क्षमता की मोटर से भी किसान पिलाई करे तो महज आधा बीघा खेत में ही पिलाई हो सकती है। ऐसे में किसी किसान के पास दस बीघा खेत है तो उसे फसल पिलाई के लिए बीस राते खुले में बितानी पड़ेगी। इसके अलावा जंगली जानवरों एवं जहरीले कीड़ों का डर भी बना रहता है।
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बिजली ट्रिपिंग बड़ी दिक्कत

किसानों ने बताया कि रात के समय बिजली मिलने में सबसे बड़ी दिक्कत ट्रिपिंग की होती है। ट्रिपिंग नहीं हो तो किसान बिजली आने पर मोटर चालू करके घर जा सकता है। लेकिन ट्रिपिंग होने के बाद मोटर बंद हो जाती है। जिसे चालू करना पड़ता है। ऐसे में किसानों को पूरी रात खेतों में गुजारनी पड़ती है।
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खेतों में बनाई टापरियां

खेतों में पिलाई के लिए किसानों को पूरी रात खेतों पर बितानी पड़ती है। ऐसे में कुछ देर आराम करने के लिए खेतों में टापरिया बना रखी है। जहां किसान रजाई ओढ़े पिलाई की निगरानी करते है। बीच-बीच में उठकर खेतों में जाकर पानी में कभी खाद छिड़कते हैं तो कभी क्यारियों में पानी का वेग बनाने के लिए फावड़ों से सही करने में जुटे रहते हैं।
किसानों को रात में निर्धारित सात घंटे बिजली दी जा रही है। ट्रिपिंग जैसी समस्या ज्यादा नहीं है। समय बढ़ोतरी या बदलाव के कोई निर्देश आते हैं तो उसके अनुसार बिजली दी जाएगी।

जेपी नागर, सहायक अभियंता विद्युत निगम
बिजली नियमित मिले तो ज्यादा दिक्कत नहीं होती। ट्रिपिंग सबसे बड़ी समस्या है। बिजली बंद होने के बाद मोटर बंद हो जाती है, जिसे बाद में फिर से चालू करने के लिए खेतों में ही रहना पड़ता है।
नंदकिशोर किराड़, किसान

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