मंदसौर के पीपलियामंडी में किसानों की मौत पर मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री को जिम्मेदार मानते हुए संभागीय आयुक्त कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री शिवराज ङ्क्षसह का पुतला जलाया गया। इस दौरान किसानों ने संभागीय आयुक् त कार्यालय परिसर में घुसने क प्रयास किया तो पुलिस अधिकारियों ने समझाइश की। बाद में किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने कार्यवाहक संभागीय आयुक्त रोहित गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।
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धरने को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के संभागीय संयोजक दुलीचंद बोरदा ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों भड़काने में मध्यप्रदेश सरकार का पूरा हाथ है। मुख्यमंत्री के इशारे पर पीपलिया में शांति प्रिय तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग, लाठीचार्ज की। इससे कई किसान चोटिल हो गए। छह किसानों की मौत हो गई। और तो और सरकार ने किसानों पर झूंठे मुकदमे लाद दिए।
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संयुक्त किसान समन्वय संघर्ष समिति के अब्दुल हमीद गौड़ ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के चलते किसान तो वैसे ही मर रहा है। सरकार किसानों को सम्बल देने की बजाय उन पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होगी, अनिश्चित कालीन पड़ाव जारी रहेगा। इस दौरान राधेश्याम परालिया, पन्नालाल मीणा, के एल जैन, कुंज बिहारी यादव, रघुवीर यादव सहित दो दर्जन से अधिक किसानों ने धरना दिया।