इतना कहते हुए रेनखेड़ा ग्राम पंचायत के धुआंधोपा गांव की इस मेधावी बेटी की वाणी में संकल्प की दृढ़ता आ जाती है। ‘ नाराजÓ (अब निर्मला) ने अपने गांव से 12 किमी दूर रेनखेड़ा ग्राम पंचायत के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में दाखिला लिया और मेहनत व आत्मविश्वास के दम पर दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। आज वह गांव की सर्वाधिक पढ़ी-लिखी शख्सियत है।
किसी बेटे ने दसवीं पास नहीं की
इस गांव में किसी लड़के ने दसवीं भी पास नहीं की है। नाराज सत्र 2017-18 में प्रथम श्रेणी से 12वीं कक्षा पास कर गांव की पहली सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी लड़की बन गई है। इस साल वह स्नातक प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। साथ ही रावतभाटा स्थित एक संस्थान में कम्प्यूटर भी सीख रही है। अब उसे घर समेत गांव में विशेष मान सम्मान मिलता है। इससे वह खुश भी है।
विपरीत परिस्थितियों में दिखाया हौसला
धुआंधोप गांव में करीब 40 वर्ष से बिजली नहीं थी। गत वर्ष ही गांव में बिजली पहुंची। उच्च माध्यमिक विद्यालय भी गांव से करीब 12 किमी की दूर रेनखेड़ा में है। परिवार की आय दूध बेचने से होती है। घर में एक दर्जन पालतू मवेशियोंं के काम में हाथ बंटाना भी जरूरी। ‘नाराज’ घर के काम निबटा कर रात में दीपक की रोशनी में घंटों पढ़ाई करती।
पढ़ाई के प्रति रुचि देख कर धुआंधोप प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका रेखा सोलंकी ने घर वालों से कह कर नाराज नाम बदलवा कर निर्मला रखवाया। पिता गोविन्द गुर्जर को समझाया कि बेटी को आगे पढ़ाए। इसके बाद परिजनों ने भी पढ़ाई में पूरा सहयोग किया।
– निर्मला, गांव में पिता व दादा के साथ