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पूरा देश जानता है कि आरएसएस ने सरकार चलाने में कैसे-कैसे दखल किया। बोर्ड और निगम में अपने लोग बिठाने के लिए क्या-क्या नहीं किया। प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री आरएसएस तय करता है कि कौन क्या बनेगा। एेसे हालात बन गए हैं तो आरएसएस खुद को राजनीतिक दल के रूप में घोषित करे। भाजपा और आरएसएस को मर्ज करके राजनीति करनी चाहिए। कांग्रेस इन दोनों का मुकाबला करने के लिए सक्षम है। पर्दे के पीछे राजनीति करने से आमजनता भ्रमित होती है। क्योंकि आरएसएस यह कहती रही है कि वह सांस्कृतिक संगठन है और हिंदुत्व की रक्षा करने वाले लोग है, राजनीति से कोई संबंध नहीं हैं। एेसे में जनता उनके बहकावे में आकर भाजपा को फायदा पहुंचा देती है, यह देशहित में नहीं है। ये धोखा देकर राजनीति क्यों करें।
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बजरी ने किया बर्बाद
जिन्होंने निर्माण कार्य किए हैं उन गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बजरी ने बर्बाद किया है, बहुत महंगी बिकी है। इसमें एकाधिकार रहा है। चार साल तक बजरी माफिया छाए रहे हैं। बिना मुख्यमंत्री और बिना सरकार की सह के यह संभव नहीं है। मिलीभगत नहीं हो तब तक एेसा नहीं हो सकता। इसकी जांच होनी चाहिए।
देश में भय का माहौल देश में इस समय नफरत, हीनता और अविश्वास का माहौल है। कोई मर जाए, बच्चियों का रेप हो जाए पर कोई सुनने वाला नहीं है, संवेदनशीलता नहीं है। डकैती और चोरी अब बहुत आम है। ये जो स्थिति बनी है यह बहुत ही नाजुक है। पूरे देश में लोगों में भय है आयकर, ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है। मीडिया और न्यायालय जैसी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। देश में लोकतंत्र को खतरा है।
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तबादलों का काला सर्कुलर
सरकार काले कानूनी की तरह तबादलों का काला सर्कुलर भी जारी किया है। जिसमें लिखा कि भाजपा कार्यकर्ता बताएं कि उनके रिश्तेदारों की पोस्टिंग कहां की जाए, यहां कानून की तरह है, यह काला सर्कुलर है। उन्हें शर्म भी नहीं आती है। बेशर्मी से सत्ता में जो पार्टी है जो पूछ रहीं कि बताएं कि आपके रिश्तेदारों की पोस्टिंग कहां की जानी है।
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सरकार बदलना तय राज्य सरकार के कुशासन से जनता इतनी त्रस्त कि अब भाजपा सरकार कुछ भी कर ले लेकिन सत्ता से बाहर होना तय है। जनता ने मानस बना लिया है। इतिहास में पहली बार भाजपा को १६३ सीटें मिली। अब जनता पूछ रहीं हमारा कसूर क्या है, धोखा क्यों दिया, कानून व्यवस्था इतनी बिगड़ी गई जनता की सुनवाई नहीं हो रही।