फर्जी दस्तावेज किए तैयार एसीबी के अनुसंधान में सामने आया कि भूखंड निरस्त होने पर नगर विकास न्यास ने इस भूखण्ड सहित अन्य भूखण्डों की पत्रावलियां निगम में हस्तांतरित कर दी गई थी। इस पत्रावली की जानकारी आरोपियों को थी। जिन्होंने फ र्जी आवंटन-पत्र की फ ोटोकॉपीके आधार पर हरिसिंह को इस भूखण्ड की निर्माण स्वीकृति, रजिस्ट्री एवं बेचान की स्वीकृति जारी कर दी तथा कान्तिचंद्र की मूल पत्रावली को जानबूझकर कार्यालय में छिपाकर रख दिया और फ ाइलों में यह लिखा कि पत्रावली मद में नहीं है। फ र्जी कागजात के आधार पर नियमन करवाकर प्लॉट को प्रद्युमन कुमार शर्मा को ७ लाख ५० हजार रुपए में बेचान कर दिया। जिससे निगम को इतनी ही राशि का नुकसान हुआ। उधर, असलम शेर उर्फ मोहम्मद असलम, सत्यप्रकाश शर्मा आदि षड्यंत्र से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।
न्यायालय का अभिमत : लोकसेवक भ्रष्ट हो जाए तो राष्ट्र की जड़ें कमजोर हो जाती है
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि जनतांत्रिक प्रशासन में किसी भी व्यवस्था को संचालित करने का दायित्व लोक सेवकों पर होता है। यदि लोकसेवक भ्रष्ट हो जाए तो राष्ट्र की जड़ें कमजोर हो जाती है। जिसका असर राष्ट्र के विकास पर पड़ता है।