scriptराजनीतिक गलियारों में गजब के चर्चे..जानिए किस नेता के लिए ‘अमृत’ बन गया ‘विष’ | Game of corruption : former Uit chairmen on Acb remand | Patrika News
कोटा

राजनीतिक गलियारों में गजब के चर्चे..जानिए किस नेता के लिए ‘अमृत’ बन गया ‘विष’

पैराशूट चैयरमेन की थी, कोटा भाजपा नेताओं से दूरी, बड़े नेताओं की मेहरबानी से चैयरमेन बनने का आरोप बैखौफ कर रहा था भ्रष्टाचार

कोटाFeb 16, 2019 / 11:27 pm

Rajesh Tripathi

कोटा. प्रदेश में गत भाजपा सरकार बनने के बाद से ही कोटा के यूआईटी चैयरमेन के मलाईदार पद पर अपने प्यादे को जमाने के लिए भाजपा के तीनों नेताओं के अपनी जाजम बिछाई थी, लेकिन रामकुमार मेहता तीनों गुटों को ठेंगा दिखाते हुए बड़े नेताओं की मेहरबानी से यूआईटी चैयरमैन के कुर्सी पर आ जमे। इसके बाद से ही मेहता तीनों गुट के नेता की आंखों की किरकिरी बन गया था।
अमृत बना विष..
किसी कार्यकर्ता को चैयरमेन न बनाने से नाराज पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने भरी सभा में कहा था कि हम तो विष पी रहें है और आप किसी बाहरी को अमृत पिला रहे हैं। लेकिन आज यही अमृत मेहता के लिए विष बन गया है।

नेता से कार्यकर्ता तक थे खफा
इस पर यूआईटी में भ्रष्टाचार के खेल व भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी सिर उठाने लगी। लेकिन बड़े नेताओं की कृपा के चलते तीनों की एक न चली। इसके चलते यूआईटी चैयरमैन ने न्यास में अपना खेल शुरू कर दिया। खेल इतना बढ़ा कि आए दिन एसीबी को इसकी शिकायतें मिलने लगी। लेकिन मामले में सबूतों के अभाव में एसीबी कार्रवाई करने में हर बार चूकती रही।
दर्जन भर शिकायतें, चैयरमेन की तीन
इस दौर में एसीबी को न्यास में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कई शिकायतें मिली। इसमें से एसीबी ने करीब 11 मामलों में जांच शुरू की। जिसमें से तीन शिकायतें चैयरमेन के खिलाफ थी। लेकिन जुलाई 2018 में उससे जुड़े दो दलालों को एसीबी ने सर्विलांस कॉल रिकार्डिंग के मामले में दबोच लिया। इसमें से जब नांता प्रकरण में एसीबी ने पूरे सबूत जुटा लिए तो चैयरमेन को धर दबोचा
पैसों के लिए नियम कायदों की नहीं की परवाह

न्यास में हुए भ्रष्टाचार के खेल में पूर्व अध्यक्ष ने नियम कायदों को ठेंगा दिखाकर षड्यंत्र रचा। महेश मेघानी सहित चारों आरोपियों ने नियम विरुद्ध तरीके से भूमि के बदले भूमि देने का प्रार्थना पत्र पेश किया। इसके बाद यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष रामकुमार मेहता ने पद का दुरुपयोग कर मामले के नियम विरुद्ध होते हुए भी अपने प्रभाव से इसे न केवल न्यास की बैठक में रखवा दिया, बल्कि प्रकरण को अनुमोदन के लिए जयपुर नगरीय विकास विभाग को भी भिजवाया। एसीबी की एफआईआर के अनुसार यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष मेहता ने नांता में किसान की अवाप्त हुई भूमि के बदले मिलने वाली विकसित भूमि हड़प कराने के लिए पूरी साजिश रची। इसमें मेहता ने अपने साथियों व लोक सेवकों के साथ मिलकर न केवल षड्यंत्र रचा, बल्कि कानून को ताक में रखकर इसको अंजाम देने में जुट गए। नगरीय विकास विभाग ने 22 दिसम्बर 2014 को परिपत्र जारी किया था। इसके अनुसार विकसित भूमि केवल उसी खातेदार को आवंटित की जा सकती है, जिसकी भूमि अवाप्ति की गई है। खातेदार द्वारा बताए गए अन्य व्यक्तियों के नाम से भूमि का आवंटन नहीं किया सकता।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो