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कोटा

13 साल बाद एमपी से खुशियां लेकर आया गांधी सागर,भरपूर पानी, तीन साल तक दोनों राज्यों के खेत हो सकेंगे सरसब्ज

gandhi sagar dam गांधी सागर तर,13 साल बाद आया भरपूर पानी

कोटाAug 20, 2019 / 11:02 pm

Suraksha Rajora

Gandhi Sagar Dam water level hai after 13 years mp and rajasthan

13 साल बाद एमपी से खुशियां लेकर आया गांधी सागर,भरपूर पानी, तीन साल तक दोनों राज्यों के खेत हो सकेंगे सरसब्ज

कोटा. इन्द्रदेव ने ऐसी मेहरबानी दिखाई कि एक सप्ताह में ही चम्बल नदी के सबसे बड़े बांध गांधी सागर को भर दिया है। इस बांध में इतना पानी आ गया कि आगामी तीन साल तक हाड़ौती और मध्यप्रदेश के किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा।

गांधी सागर का जल स्तर मंगलवार शाम पांच बजे तक 1306 फीट के रिकॉर्ड स्तर पर गया है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के जल संसाधन विभाग के आला अधिकारियों ने पहले भारी बारिश के चलते 1305 फीट के लेवल पर गेट खोलने का निर्णय किया था, लेकिन दो दिन से बारिश का दौर कमजोर पडऩे तथा पानी की आवक का प्रवाह कम होने से फिलहाल गेट खोलने का निर्णय टाल दिया गया है।
हालांकि दोनों राज्यों के आला अधिकारी हर घण्टे का अपडेट ले रहे हैं। शाम पांच बजे गांधी सागर में 9500 क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इस बांध की जलभराव क्षमता 1312 फीट है। अब केवल छह फीट खाली रह गया है। दोनों राज्यों के जल संसाधन विभाग के अधिकारी गांधी सागर में पर्याप्त पानी आने से खश है। अधिकारियों का मानना है कि आगामी तीन साल सिंचाई और पेयजल के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा। गौरतलब है कि 206 में गांधी सागर का जल स्तर 1305 फीट आते ही गेट खोल दिए थे। छह लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी।

राणा प्रताप सागर बांध सिर्फ दो फीट खाली

चम्बल का दूसरा बड़ा बांध राणा प्रताप सागर बांध भी लबालब भरने को है। इस बांध की जल भराव क्षमता 1157 फीट है। मंगलवार शाम पांच तक 1155 फीट पानी आ गया है। बांध में पानी की आवक कम होने के कारण गेट खोलने का निर्णय टाल दिया गया है। पिछले दिनों अधिकारियों ने 1154 फीट पर ही गेट खोलने का निर्णय कर लिया था,लेकिन दो-तीन दिन में मानसून निष्क्रिय हो गया है। जवाहर सागर बांध का जल स्तर 974.30 फीट पहुंच गया है। इस बांध की जल भराव क्षमता 980 फीट है। यहां से 3500 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

बैराज के दो गेट खोले
मानसून का दौर थमने के बावजूद कोटा बैराज के मंगलवार को भी दो गेट खोले गए। बैराज से शाम पांच बजे 3715 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है।

पिछले साल के पानी का गणित

चम्बल अंतरराज्यीय नियंत्रण मण्डल की तकनीकी कमेटी बैठक में वर्ष 2018-19 में सीएडी चम्बल परियोजना के जलाशयों गांधी सागर बांध, राणा प्रताप सागर बांध में आंकलित जल की मात्रा 2.722778 एमएएफ था, जिसमें से वाष्पीकरण हस एवं पेयजल आरक्षण को छोड़कर रबी सिंचाई के लिए 2.269578 एमएएफ थी, जिसे दाईं और बाईं मुख्य नहर में 140 दिन जल प्रवाह किया गया था। इससे कोटा, बूंदी और बारां जिले की दो लाख 29 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। जो कि सिंचाई सघनता का 98.48 प्रतिशत है।
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