शॉपिंग सेंटर स्थित यह टंकी जलदाय विभाग कार्यालय परिसर में है। इसकी सीढिय़ों पर कोई गेट नहीं नजर नहीं आया। इस टंकी की सीढिय़ों से बच्चा भी ऊपर जा सकता है।
संजय नगर उच्च जलाशय
इस उच्च जलाशय के गेट खुले रहते हैं। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि यहां कोई धणीधोरी नहीं है। कई बार तो बच्चे खेलते खेलते ही उपर की सीढिय़ों तक चले जाते हैं। अनहोनी का हमेशा डर बना रहता है।
छावनी बंगाली कॉलोनी
सब्जीमंडी के पास स्थित जलाशय की सीढिय़ों पर लगा दरवाजा खुला था। जलाशय के आसपास बनी चारदीवारी का फाटक अटका हुआ था। टंकी के आसपास गन्दगी की भरमार नजर आई। बिजली का खंभा गिरा था व तार झूल रहे थे।
प्रोफेसर कॉलोनी की टंकी
नयापुरा क्षेत्र प्रोफेसर कॉलोनी की टंकी की सीढिय़ों पर भी फाटक नहीं थे। औपचारिकता के लिए लकड़ी का पट्टा सीढिय़ों के बीच लगा रखा है। टंकी पर कोई चढ़े भी तो कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है।
कई बार हो चुकी टंकी पर ‘नोटंकी’
हाल ही में मांगों के निस्तारण के लिए संजय नगर, छात्रपुरा तालाब क्षेत्र की करीब 80 महिलाएं पानी की टंकी पर चढ़ गई थी। इनमें बच्चे भी शामिल थे। इससे पहले एक महिला ने प्रदर्शन के दौरान विज्ञान नगर में उच्च जलाशय पर चढऩे का प्रयास किया था।
गंभीर अपराध, हो सकते हैं मुकदमें दर्ज
पानी की समस्याओं को लेकर लोग उच्चजलाशयों पर चढ़ जाते हैं, लेकिन इन पर चढऩा न सिर्फ खतरे से खाली नहीं बल्कि कोर्ट कचहरी, अस्पताल व थानों के चक्कर भी काटने पड़ सकते हैं।
करेंगे सुरक्षा, होगा बदलाव
जलाशयों की सुरक्षा के प्रबन्ध कराए जाएंगे। नए जलाशय बनाए जा रहे हैं, इनमे नीचले सिरे पर सीढिय़ां नहीं बनवाई जाएगी, ताकि कोई चढ़ नहीं सके। इस तरह के आदेश भी हैं। आवश्यकता पडऩे पर लोहे या एल्यूमिनीयम की सीढिय़ों से कर्मचारी उपरी सीढिय़ों से टंकी पर चढ़ सकेंगे।
राकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता