कोटा

निरीक्षण को आए जीआरपी SP, और अपनी ही दुखड़ा रो कर चले गए

जीआरपी एसपी कोटा थाने के निरीक्षण को आए और अपना दुखड़ा सुना गए। 

कोटाMar 01, 2018 / 12:30 pm

abhishek jain

जीआरपी पुलिस अधीक्षक सुनील विश्नोई बुधवार को अजमेर से कोटा में जीआरपी थाने का वार्षिक निरीक्षण व अपराधों की समीक्षा करने आए लेकिन मीडिया से बातचीत में वे अपना दर्द बयां कर चले गए। उन्होंने 64 साल में ट्रेनें और यात्री तो करीब दस से बीस गुना तक बढऩे और जीआरपी के पास आज भी नफरी पुराने हिसाब से होने का दुखड़ा गाया। बोले, नफरी करीब 30 फीसदी कम है। सीमित संसाधनों के बावजूद अपराधों पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने बुधवार को रेलवे प्लेटफॉर्म स्थित जीआरपी थाने में संवाददाताओं से बातचीत की। विश्नोई ने बताया कि 1954 में जीआरपी थाना बनने के समय कोटा में 26 कांस्टेबलों की नफरी स्वीकृत की गई थी, यह आज भी यह उसी हिसाब से चल रही है। उल्टे, उसमें में करीब 30 फीसदी की कमी हो गई है। जबकि 64 साल में ट्रेन और यात्रियों में कई गुना तक बढ़ोतरी हो चुकी।
 

यह भी पढ़ें

इस लुटेरी गैंग को पसंद थी लोगों की सबसे पसंदीदा

चीज , अब तक कर चुके 40 वारदातें


हर स्टेशन व ट्रेन में चाहिए सिपाही
उन्होंने कहा कि कोटा जीआरपी थाने के अधीन ही छोटे-बड़े कई रेलवे स्टेशन हैं। नियमानुसार हर एक स्टेशन व ट्रेन में सुरक्षा सिपाही होने चाहिएं। लेकिन, नफरी कम होने से संभव नहीं हो पा रहा। सभी ट्रेनों में गार्ड भी नहीं भेज पाते। राजधानी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन में पिछले कुछ समय में चोरी की वारदातें अधिक हुई। उनमें भी गार्ड नहीं रह पाते हैं। कांस्टेबलों की नई भर्ती में कोटा जिले को 257 कांस्टेबल मिलने की उम्मीद है लेकिन उसमें अभी दो साल का समय लगेगा।
कैमरों के प्रस्ताव भेजे लेकिन
उन्होंने बताया कि जीआरपी की तरफ से रेलवे को सभी ट्रेनों, विशेषकर महत्वपूर्ण ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर अच्छी क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है लेकिन अभी तक इसमें कुछ नहीं हुआ है।

 

यह भी पढ़ें

भ्रूणलिंग परीक्षण: दलाल चला रहा था डॉक्टर सा’ब की ‘दुकान’, डॉ. बाेला मैं अकेला ही नहीं चला रहा कोटा में ये दुकान



फिर भी अपराधों में कमी लाए
एसपी ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद 2016 की तुलना में 2017 में अपराधों में कमी आई है। मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के चलते ही 2016 की तुलना में 2017 में अधिक मामले दर्ज हुए।
तत्कालीन मालखाने के इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज
वर्ष 1991 में जब्त 600 ग्राम अफीम के मालखाने से गायब होने के मामले में तत्कालीन मालखाना इंचार्ज हैड कांस्टेबल हरिराम के खिलाफ उप अधीक्षक की जांच के बाद अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया है। यह जानकारी जीआरपी एसपी सुनील विश्नोई ने बुधवार को यहां दी। गौरतलब है जीआरपी द्वारा माल अदालत में पेश नहीं कर पाने से गत दिनों अदालत ने आरोपित को दोषमुक्त कर दिया था।

यह भी पढ़ें

बजरी माफियों की अधिकारियों की सांठगाठ तो हो रहा अवैध खनन, सख्ती होती तो नहीं होती दो की मौत



निरीक्षण किया, अपराध नियंत्रण के दिए निर्देश
इससे पहले एसपी ने थाने का वार्षिक निरीक्षण किया और अपराध नियंत्रण के निर्देश दिए। ट्रेनों में चोरियों पर नकेल के लिए पुराने चालानशुदा अपराधियों पर निगरानी रखने को कहा। सीएलजी सदस्यों से चर्चा की। इस दौरान जीआरपी उप अधीक्षक रोहिताश्व शर्मा व सीआई गंगासहाय शर्मा भी मौजूद थे।

संबंधित विषय:

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.