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कोटा

हाईकोर्ट ने दिया 3 माह में नए सिरे फैसला सुनाने का आदेश

रुद्राक्ष हत्याकांड के अभियुक्त पाडिया की फांसी की सजा रद्द
 

कोटाSep 17, 2018 / 10:49 pm

shailendra tiwari

kota news

हाईकोर्ट ने दिया 3 माह में नए सिरे फैसला सुनाने का आदेश

कोटा. जयपुर. हाईकोर्ट ने चार साल पुराने कोटा के चर्चित रूद्राक्ष हत्याकांड में सजा काट रहे अंकुर पडिया की फांसी की सजा के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि पडिया को 4 अक्टूबर को अधीनस्थ अदालत में पेश किया जाए और अधीनस्थ अदालत 4 अक्टूबर से तीन माह के भीतर नए सिरे से फैसला सुनाए।
न्यायाधीश मनीष भण्डारी व दिनेश चन्द्र सोमानी की खण्डपीठ ने पडिया की अपील निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया। अपीलार्थी की ओर से अधिवक्ता ए के गुप्ता ने कोर्ट को बताया था कि 26 फरवरी 2018 को कोटा की एससी-एसटी मामलों की कोर्ट ने सजा सुनाई थी। अपीलार्थी का कहना था अधीनस्थ अदालत ने सुनवाई का मौका तो दिया, लेकिन पर्याप्त दस्तावेज पेश नहीं किए गए। अपील में कहा कि ऐसी स्थिति में मामले को पुन: सुनवाई के लिए भेजा जाए और नए सिरे से आदेश देने को कहा जाए। सरकार की ओर से अधिवक्ता ने अपील का विरोध करते हुए कहा कि सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया गया है, इसलिए मामले को पुन: सुनवाई के लिए नहीं भेजा जाए।
तथ्यों के अनुसार 9 अक्टूबर 2014 को बैंक मैनेजर के सात वर्षीय बेटे रूद्राक्ष का कोटा स्थित हनुमान पार्क के पास से चॉकलेट का लालच देकर अपहरण कर लिया गया था। उसके लिए दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी गई और अगले दिन उसका शव नहर के पास मिला।

रुद्राक्ष को लेकर पूरा शहर एक हो गया था
कोटा. बहुचर्चित रुद्राक्ष अपहरण और हत्याकांड कोटा शहर की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। इस घटना से पूरे शहर का हिला कर रख दिया था। घटना के बाद पूरा शहर अपराधियों को सजा दिलाने के लिए एकजुट हो गया था। फांसी की सजा सुनाए जाने तक जनाक्रोश बना रहा। इस मामले में 26 फरवरी 2018 को कोटा के एससी-एसटी कोर्ट ने फैसला सुनाया था। इसमें रुद्राक्ष का अपहरण कर निर्मम हत्या करने वाले आरोपी अंकुर पाडिया को मृत्युदंड की सजा से दंडित किया था। फैसला 326 पेज में लिखा गया था। वहीं दूसरे आरोपी अंकुर के भाई अनूप को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपी नौकर महावीर को चार साल और फर्जी आईडी से मोबाइल सिम उपलब्ध कराने वाले आरोपी दिल्ली के करणजीत को दो साल के कारावास की सजा से दंडित किया गया था। 9 अक्टूबर 2014 को तलवंडी से रुद्राक्ष का अपहरण होने के बाद पुलिस ने 27 अक्टूबर 2014 को हत्यारे अंकुर को लखनऊ से पकड़ा और 87 दिन की लंबी मशक्कत के बाद कोर्ट में 1464 पन्नों का चालान पेश किया। इसमें 110 गवाहों के बयान हुए थे। बारीक तकनीकी छानबीन की 10 सीडी भी चालान के साथ पेश की गई थी।
ऐसे हुआ घटनाक्रम

9 अक्टूबर 2014 को तलवंडी के हनुमान मंदिर पार्क से अंकुर ने शाम 7 बजे सात साल के बच्चे रुद्राक्ष का अपहरण किया। बूंदी सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में मैनेजर पिता पुनीत हांडा से शाम 7.30 बजे 2 करोड़ की फि रौती मांगी। रात तक पूरा शहर एक हो गया। 10 अक्टूबर को तालेड़ा के पास जाखमुंड स्थित दाईं मुख्य नहर में सुबह 6 बजे रुद्राक्ष का शव मिला। 11 अक्टूबर को रुद्राक्ष के लिए पहली बार स्वत: स्फूर्त कोटा बंद रहा। शहरभर में जगह-जगह कैंडल मार्च निकले, धरने-प्रदर्शन शुरू हो गए।

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