कोटा

Coronavirus: जानकर चौंक जाएंगे आप… 1 नहीं, 7 प्रकार का है कोरोना, संक्रमण की ये हैं 4 अवस्थाएं

Coronavirus, Coronavirus in India, Coronavirus Outbreak : कोरोना वायरस को लेकर भले ही लोगों में भय है, लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि कोरोना वायरस के सात प्रकार हैं।

कोटाMar 24, 2020 / 02:13 am

​Zuber Khan

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कोटा. कोरोना वायरस को लेकर भले ही लोगों में भय है, लेकिन आप जानकर चौंक जाएंगे कि कोरोना वायरस के सात प्रकार हैं। वर्तमान में सोर्स कोरोना वायरस है, जो कोविड-19 बीमारी का कारण है। सामान्य यह वायरस पक्षियों व स्तनधारी जीवों जैसे चमकादड़ में मौजूद रहता है। कभी-कभी वायरस उत्परिवर्तित होकर मानव जाति तक पहुंचता और बीमार करता है।
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कोटा मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ. मनोज सालूजा ने कोरोना वायरस को लेकर पत्रिका से खास बातचीत में बताया कि कोरोना के मामले पहले विदेशों से भारत में आए पर्यटकों व अप्रवासी भारतीय में ही पॉजीटिव पाए गए, लेकिन उनके सम्पर्क में आने वाले स्थानीय भारतीय भी पॉजीटिव आने लगे हैं। इस संक्रमण के विस्तार के चक्र को तोडऩा होगा, अन्यथा स्थिति गंभीर हो सकती है। कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सबसे ज्यादा जागरूकता जरूरी है। यह घर पर रहकर ही संभव है। इसके लिए अपने-आपको आइसोलेट कर लें।
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पहला: किसी विशेष स्थान से आने वाले लोगों में रोग के लक्षण पाए जाना
दूसरा: विदेश से आने वाले पॉजीटिव व्यक्तियों से संक्रमण स्थानीय लोगों में पॉजीटिव आना।
तीसरा: स्थानीय लोगों में एक से दूसरे व्यक्ति तक संक्रमण का पहुंचना।
चौथा: समुदाय में वृहद स्तर पर रोग का फैलना।
कोरोना के लक्षण
बुखार, गले में खराबी, खांसी व बदन दर्द, सांस में तकलीफ

ये रखे ध्यान
कोरोना वायरस से वरिष्ठ नागरिक जो हृदयरोग, श्वांस रोग या मधुमेह से पीडि़त है। उनमें इस रोग की घातकता अधिक पाई गई। ऐसे लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। दस साल तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इनको भी चपेट से बचाना जरूरी है।
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यह रखें सावधानी
-घर से बाहर नहीं निकले
-खांसते व छींक होने पर मास्क का प्रयोग करें।
-हाथों को बार-बार धोएं
-चेहरे के किसी भाग से छूने से बचे
-सार्वजनिक स्थानों पर दरवाजे के हैंडल, रैलिंग अनावश्यक छूने से बचे
– नियमित स्नान व सफाई रखें।
-संतुलित आहार लें।
-यदि किसी तरह का लक्षण मिले तो तुरंत चिकित्सक परामर्श लें।
इसकी मारक क्षमता कम
यह वायरस वर्ष 2003 में सार्स के रूप में चाइना के वुहान से व 2012 में सऊदी में मार्स के रूप में आ चुका है। उस समय मार्स कोवि का प्रभाव 30 प्रतिशत था। सोर्स का प्रभाव 10 प्रतिशत और इस बार आए सोर्स कोवि-2 का असर मात्र 3 प्रतिशत है।

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