डीएसीएम क्षेत्र के गोविंद नगर निवासी 54 साल के व्यक्ति की घर पर ही मौत हो गई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना मिली तो कॉलेज की आरआरटी टीम शव को लेने मृतक के घर पहुंच गई। परिजनों ने मृतक की रिपोर्ट के बारे में जानकारी मांगी तो टीम ने मरीज को नेगेटिव बताया, काफ ी देर तक गहमागहमी के बाद मेडिकल टीम शव को नए अस्पताल की मोर्चरी लेकर पहुंची।
मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक मरीज की पहली जांच 8 अगस्त को हुई थी। 10 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट किया। होम आइसोलेशन के दौरान मरीज ने 10 अगस्त को एक बार फि र सेम्पल दे दिया। इसकी 12 अगस्त को रिपोर्ट में नेगेटिव आई। 14 अगस्त को मरीज की तबीयत बिगड़ी तो परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चूंकि मरीज ने 10 अगस्त को ही अस्पताल से जाते वक्त डिस्पेंसरी में कोविड सेम्पल दिया था। गाइड लाइन के मुताबिक दो बार की जांच में नेगेटिव आने के बाद मरीज पॉजिटिव श्रेणी से बाहर माना जाता है। 10 अगस्त को पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट कर दिया। इधर, सीएमएचओ की टीम को 13 अगस्त तक मरीज की लोकेशन ही नहीं मिली। रिपोर्ट में मरीज का पता गोविंद नगर लिखा हुआ था, जबकि वह डीसीएम के पास रहता था। तीन दिन तक सीएमएचओ की टीम मरीज को तलाश नहीं पाई। इधर, होम आइसोलेशन में होने के बावजूद पॉजिटिव मरीज घर से बाहर निकलकर कोविड का सेम्पल देकर आ गया।
मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के मुताबिक मरीज की पहली जांच 8 अगस्त को हुई थी। 10 अगस्त को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट किया। होम आइसोलेशन के दौरान मरीज ने 10 अगस्त को एक बार फि र सेम्पल दे दिया। इसकी 12 अगस्त को रिपोर्ट में नेगेटिव आई। 14 अगस्त को मरीज की तबीयत बिगड़ी तो परिजन निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चूंकि मरीज ने 10 अगस्त को ही अस्पताल से जाते वक्त डिस्पेंसरी में कोविड सेम्पल दिया था। गाइड लाइन के मुताबिक दो बार की जांच में नेगेटिव आने के बाद मरीज पॉजिटिव श्रेणी से बाहर माना जाता है। 10 अगस्त को पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे होम आइसोलेट कर दिया। इधर, सीएमएचओ की टीम को 13 अगस्त तक मरीज की लोकेशन ही नहीं मिली। रिपोर्ट में मरीज का पता गोविंद नगर लिखा हुआ था, जबकि वह डीसीएम के पास रहता था। तीन दिन तक सीएमएचओ की टीम मरीज को तलाश नहीं पाई। इधर, होम आइसोलेशन में होने के बावजूद पॉजिटिव मरीज घर से बाहर निकलकर कोविड का सेम्पल देकर आ गया।
वाटर ट्रेन बनाने वाले रेलकर्मी हर रोज दो घंटे कर रहे श्रमदान सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि जांच में जो जिम्मेदार दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मरीज को 10 अगस्त को होम आइसोलेट किया गया था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा हमको 12 अगस्त को सूचना भेजी गई। अब दो दिन तक मरीज कहां रहा ये भी बड़ा सवाल है। नए अस्पताल प्रभारी डॉ. नीलेश जैन ने बताया कि हमने सीएमएचओ कार्यालय को मरीज की सही समय पर सूचना उपलब्ध करवा दी थी।