संभागीय आयुक्त ने कहा कि सम्पूर्ण जिले में यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी श्रमिक सड़क मार्ग या किसी भी रास्ते से पदैल नहीं जाए। उपखंड अधिकारी व पुलिस अधिकारी तथा तहसीलदार निरन्तर भ्रमण करें। ऐसे श्रमिकों को क्वारेंटाइन केन्द्रों पर पहुंचा कर उन्हें गन्तव्य स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था करें। उन्होंने श्रमिकों के लिए बनाये गए क्वारेंटाइन सेन्टरों पर भोजन, आवास, पेयजल तथा चिकित्सा सुविधा की समय-समय पर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों की सीमाओं पर बनाए गए चैक पोस्टों पर निगरानी के लिए तैनात अधिकारियों को भी आने वाले श्रमिकों को पेयजल, छाया आदि की सुविधा प्रदान कर वाहनों के माध्यम से राज्य की सीमाओं तक भिजवाने के निर्देश दिए।
पुलिस उपमहानिरीक्षक रविदत्त गौड़ ने कहा कि कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए शहर में अनावश्यक भीड़ जमा होने से रोकना होगा। उन्होंने कफ्र्यूग्रस्त क्षेत्रों में घर-घर राशन, फल, सब्जी की पहुंच करवाने, जीरो मोबेलिटी की पालना करवाने के पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि थोक फल-सब्जी मंडी में केवल आड़तिया, किसान व ठेले वालों को ही अनुमत किया जाए।
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कोटा जिले के लिए ये हुए निर्णय
-जिले में किसी भी मार्ग पर श्रमिकों को पदैल नहीं निकलने दिया जाएगा। उन्हें राज्य में गन्तव्य स्थान या अन्य राज्यों के निवासियों के लिए प्रदेश की सीमाओं तक वाहन से पहुंचाया जाएगा।
-थोक फल सब्जी मंडी में केवल आड़तिया, किसान व ठेले वाले ही अनुमत किए जाएंगे।
-किसानों को पूर्व की भांति शहर में अलग-अलग 7 स्थानों पर सब्जी विक्रय के लिए प्रेरित किया जाएगा।
-थोक सब्जी मंडी में बिना मास्क या सोशल डिस्टेसिंग की पालना नहीं पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी।
-गुटखा व तम्बाकू बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्य वाही की जाएगी।