नगर विकास न्यास की इंद्रविहार कॉलोनी, मास्टर प्लान में आवासीय श्रेणी में शामिल थी, लेकिन इस क्षेत्र में कोचिंग संस्थानों की अधिकता को देखते हुए यहां के रहवासियों ने करीब एक दशक पहले ही आवास में हॉस्टल का निर्माण शुरू कर दिया था। जिस पर नगर विकास न्यास ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि लोगों का हौसला बढ़ता गया और आवासीय कॉलोनी पूरी तरह व्यावसायिक हॉस्टलों में तब्दील हो गई।
OMG! महिला साथी से किया ‘गंदा’ काम, सरकार को खबर लगी तो कर दिया एपीओ
खाली कर दिए मकान इंद्रविहार कॉलोनी में 70 फीसदी से भी अधिक मकानों में आवंटी अपने परिवार सहित निवास नहीं कर रहे हैं। 30 फीसदी लोगों ने भी भूतल को अपने परिवार को रहने के लिए बनाया हुआ है। इसके बाद बहु मंजिला बनाकर मकान को हॉस्टल में तब्दील कर दिया। कॉलोनी में अधिकतर मकानों में भवन विस्तार के लिए लोगों ने न्यास से भवन निर्माण स्वीकृति तक नहीं ली। कई लोगों ने तो इन मकानों को पूरी तरह हॉस्टल में तब्दील कर अपने आवास के लिए अन्यत्र मकान ले लिए। पूरी कॉलोनी में बहुमंजिला हॉस्टल बन हुए हैं।
वीडियो : मानसिक विक्षिप्त महिला को पाइप से पीटा, बुलवाया अल्लाह और जय श्री राम बिजली-पानी का बिल भी घरेलू इंद्रविहार में हॉस्टल बनाकर कोचिंग विद्यार्थियों को रख कमाई कर रहे हॉस्टल संचालक बिजली-पानी का बिल भी घरेलू श्रेणी का ही भर रहे हैं। जयपुर डिस्कॉम ने हॉस्टलों को व्यावसायिक श्रेणी में मानकर इनसे अघरेलू दर से बिजली के बिल वसूलने के निर्देश दिए हुए हैं, लेकिन डिस्कॉम के स्थानीय अधिकारी और अब निजी बिजली कंपनी भी इनसे अघरेलू श्रेणी से बिल नहीं वसूल पाई है। नए बन रहे हॉस्टलों में तो बिजली कनेक्शन अब अघरेलू श्रेणी में ही दिए जा रहे हैं।
कोटा में कोचिंग छात्रा ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, कमरे में मिला सुसाइड नोट नगर विकास न्यास अध्यक्ष, आर.के. मेहता ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मास्टर प्लान की पालना की जाएगी। चरणबद्ध तरीके से निर्देशों की पालना की जा रही है। अभी सड़क और फुटपाथों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है।