कोटा

जिनका कोई नहीं धणी धौरी उनका है जेकेलोन और एमबीएस

कोटा. जिनका कोई धणी धौरी नहीं उनका है जेके लोन चिकित्सालय व एमबीएस।

कोटाDec 15, 2017 / 07:30 pm

abhishek jain

कोटा.
जेके लोन चिकित्सालय व एमबीएस की पार्किंग में महीनों से ऐसे दर्जन भर वाहनों का जमावड़ा लगा हुआ है जिन्हें कोई लेने नहीं आया। कई वाहन कंडम स्थिति में पहुंच गए, टायरों की हवा निकली पड़ी है। धूल-मिट्टी जमी हुई है। सीटें फट गई हैं। कई वाहनों के बारे में तो स्टैण्ड संचालक को भी नहीं मालूम कि कौन कब इन्हें छोड़ गया है।
यूं खड़े हो जाते हैं वाहन
स्टैण्ड संचालक का कहना है कि लम्बे समय तक खड़े रहने वाले वाहनों में ज्यादातर फाइनेंस में पकड़े जाने वाले होते हैं। फाइनेंस एजेन्सी के प्रतिनिधि वाहन पकडऩे के बाद यहां किसी के मार्फत पर्ची कटा कर खड़ा कर जाते हैं। इसके अलावा कई बार संदिग्ध आपराधिक लोग भी यहां वाहन खड़े कर जाते हैं। इधर, सूत्रों का कहना कि पैसों के लालच में स्टैण्ड संचालक भी फाइनेंस कंपनियों से मिलकर वाहन खड़े करा लेते हैं।
स्टाफ, रोगियों और तीमारदारों के लिए है पार्किंग
कायदे से अस्पतालों में पार्किंग सुविधा स्टाफ, मरीजों और उनके तीमारदारों के वाहन खड़े करने के लिए है। लेकिन संदिग्ध लोग इसका बेजा इस्तेमाल कर रहे। कई बार तो चोरी के वाहन तक प्रथम दृष्ट्या वाहन स्टैण्ड पर खड़े कर दिए जाते हैं।
 

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ये हैं नियम
एक माह से अधिक समय तक वाहन यहां खड़ा रहता है तो उसकी सूचना पुलिस को देनी होती है। उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। जबकि स्टेण्ड संचालक ने महीनों से खड़े इन वाहनों की सूचना पुलिस को नहीं दी।
समस्या ये भी विकट…
रोड साइड खड़े वाहन बनते बाधक
अस्पताल परिसर में ये भी समस्या विकट है। रोड की दोनो साइड खड़े वाहनों से एमबीएस व जेके लोन चिकित्सालय में एम्बुलेंस तक को निकलने के लिए कई बार रास्ता नहीं मिलता। उसे या तो खड़े रहना पड़ता है, या फिर घूम कर वापस जाना होता है। जेके लोन चिकित्सालय से एमबीएस की ओर जाने वाले रोड पर वाहनों की लम्बी कतारें लगी रहती हैं। इन वाहनों में अधिकांश डॉक्टर्स व स्टॉफ के ही होते हैं। अन्य लोग जल्दी में यहां वाहन खड़ा करके चले जाते हैं और बाद में जो वाहन आते हैं उन्हें परेशानी आती है। रोड साइड वाहनों से एम्बुलेंस के साथ आमजन को निकलने में भी परेशानी होती है।
 

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कार्रवाई करेंगे
अधीक्षक जेके लोन डॉ. आरके गुलाटी का कहना है कि संचालक को यहां से वाहन हटाने के लिए नोटिस जारी किए हुए हैं, एक बार पांच हजार की पेनल्टी भी लगाई गई है। यदि नहीं हटाता तो कार्रवाई करेंगे।
जानकारी ली जाएगी
अधीक्षक एमबीएस डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि लम्बे समय से वाहन खड़े हैं तो इसके बारे में स्टैण्ड संचालक से जानकारी ली जाएगी।

सूचना दे रखी है
स्टैण्ड संचालक इलियास मोहम्मद का कहना है कि एक माह से अधिक समय तक वाहन खड़ा होता है तो उसकी सूचना पुलिस को देते हैं। लोग वाहन खड़ा कर चले जाते हैं, और बाद में नहीं आते। हमने नयापुरा पुलिस को सूचना दे रखी है।
थानाधिकारी नयापुरा हरीश भारती का कहना है कि जब भी स्टैण्ड संचालक अधिक समय तक वाहन खड़ा होने की सूचना देते हैं, तो वहां से वाहन उठा लाते हैं और उनका रिकॉर्ड बनाकर थाने में खड़ा कर देते हैं।

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