scriptOMG: मेडिकल जांच में चौंकाने वाला खुलासा: राजस्थान की ट्रैफिक पुलिस का फूला दम, सुनाई देने लगा कम | impact of pollution on Traffic police constable's health | Patrika News
कोटा

OMG: मेडिकल जांच में चौंकाने वाला खुलासा: राजस्थान की ट्रैफिक पुलिस का फूला दम, सुनाई देने लगा कम

यातायात पुलिस के सिपाहियों की हालत बेहद खराब है। यह चौंकाने वाला खुलासा कोटा में कराए गए स्वास्थ्य परीक्षण में सामने आया।

कोटाMay 22, 2018 / 10:30 am

​Zuber Khan

Traffic police

मेडिकल जांच में चौंकाने वाला खुलासा: राजस्थान की ट्रैफिक पुलिस का फूलने लगा दम, सुनाई देने लगा कम

कोटा . सर्दी, गर्मी व बरसात के मौसम में छोटे और बड़े सभी तरह के वाहनों की हॉर्न की तेज आवाजों के बीच दिन में करीब 8-10 घंटे चौराहों पर यातायात विभाग के सिपाहियों को खड़े रहना पड़ता है। इनके स्वास्थ्य का परीक्षण कराया तो ज्ञात हुआ कि किसी को कम सुनाई देने लगा है और कई को तो एलर्जी की समस्या है।
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यह चौंकाने वाला मामला पुलिस की ओर से कराए गए ट्रैफिक सिपाहियों के स्वास्थ्य परीक्षण में सामने आया है। विभाग की ओर से पिछले दिनों 40 साल से अधिक आयु के 108 सिपाहियों का मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। इसमें से करीब 49 फीसदी में सुनने की क्षमता कम पाई गई। उनमें से भी 24 फीसदी ऐसे हैं, जिनमें यह समस्या गम्भीर है। इनके अलावा अन्य पुलिस कर्मियों में भी सुनने की क्षमता प्रभावित हुई है। यह समस्या करीब एक साल से अधिक पुरानी बताई जा रही है।
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अब रोटेशन से लगेगी ड्यूटी
टै्रफिक सिपाहियों में श्रवण क्षमता के क्षरण और उनके एलर्जी के शिकार होने से महकमे के अधिकारी सकते में हैं। उन्होंने अब अपने सिपाहियों के स्वास्थ्य को देखते हुए उनकी ड्यूटी एक ही जगह चौराहे पर नहीं लगाकर उन्हें ऐसी जगहों पर लगाने का निर्णय किया है, जहां न शोर की दिक्कत हो, न ही प्रदूषण। अधिक समस्या वाले टै्रफिक सिपाहियों की ड्यूटी कार्यालय या थानों में लगाने का भी निर्णय किया है। अन्य में यह समस्या न हो इसके लिए उनकी ड्यूटी रोटेशन के आधार पर स्थान बदल-बदल कर लगाई जाएगी।
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40 फीसदी एलर्जी के शिकार
रिपोर्ट के अनुसार 40 फीसदी ट्रैफिक पुलिसकर्मी ऐसे हैं, जो एलर्जी के शिकार हैं। दिनभर धूल और प्रदूषण के बीच रहने से सिपाहियों में यह समस्या बनी हुई है।
6 फीसदी में हाइपरटेंशन व डायबिटीज
मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य परीक्षण कराए गए ट्रैफिक पुलिस कर्मियों में से करीब 6 फीसदी ऐसे हैं, जिनमें हाइपरटेंशन व डायबिटीज की समस्या अधिक है। इससे भी उनमें सुनने की क्षमता लगातार कम हो रही है।
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एएसपी (मुख्यालय) उमेश ओझा ने बताया कि गत दिनों 40 साल से अधिक आयु के टै्रफिक पुलिस कर्मियों का मेडिकल बोर्ड से स्वास्थ्य परीक्षण कराया था। इनमें से करीब आधों में सुनने व एलर्जी की समस्या पाई गई। इसे देखते हुए उनकी ड्यूटी रोटेशन के आधार पर लगाने का निर्णय किया गया। सभी को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क व शोर से बचने के लिए ईयर प्लग स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से दिए जाएंगे।

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