जन अनुसाशन कफ्र्यू की पालना करवाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से सर्तक रहा। जगह जगह बेरीगेड लगाए गए। जगह जगह पुलिस कर्मी वाहनों को रोकते-टोकते नजर आए। शहर प्रमुख मार्गों व चौराहों पर पुलिस कर्मी तैनात थे। उन्होंने अनावश्यक रूप से घूमते हुए लोगों के चालान भी काटे।
शनिवार रात से ही जन अनुसाशन कफ्र्यू कफ्र्यू की शुरुआत हो गई थी। इससे सुबह से ही लोग घरों से नहीं निकले। कफ्र्यू की पालना में बाजार बंद रहे। इनमें सन्नाटा दौड़ता रहा। आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अधिकतर बाजार बंद रहे। जन अनुशासन कफ्र्यू के दौरान प्रशासन ने दूध, फल, सब्ज़ी और दवा की दुकानों को खोलने की ही छूट दी थी। इनके अलावा सभी दुकानें बंद रही।
मंदिरों में दिखा असर जन अनुशासन कफ्र्यू का असर मंदिरों में भी पड़ा। अधिकतर मंदिर समितियों के पदाधिकारियों ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए मंदिरों के पट नहीं खोले। हालांकि सेवा सुचारू रूप से जारी रही, लेकिन श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया गया।
बसें व यातायात प्रभावित रोडवेज बसों का संचालन सामान्य दिनों की तरह जारी रहा, लेकिन इसमें सवारियों का टोटा नजर आया। बसों को पर्याप्त यात्री नहीं मिले। नयापुरा बस स्टैंड के प्रभारी नासिर अली के अनुसार यात्री भार में कमी के कारण विभिन्न मार्गों पर बसों का संचालन कम किया गया। विभाग के मुख्य प्रबंधक रघुराज सिंह राजावत के अनुसार कोरोना के कारण गत दिनों से यात्री भार में कमी आ रही है। रविवार को तो ५० फीसदी के करीब यात्री भार भी नहीं मिला।