मेला समिति की मंगलवार को हुई बैठक के बाद महापौर महेश विजय और समिति अध्यक्ष राम मोहन मित्रा ने बताया कि निगम की प्रशासनिक टीम मेले की तैयारियों में जुट गई है। बैठक में चर्चा के बाद कई महत्वपूर्ण निर्णय किए गए। मेले का बजट 4 से बढ़ाकर 7 करोड़ कर दिया गया है।
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मित्रा ने बताया कि इस वर्ष रावण के पुतले का कद 72 फीट से बढ़ाकर 125 फीट करने का प्रयास किया जाएगा। आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल ने कहा कि निगम की ओर से इसके पूरे प्रयास किए जाएंगे। रावण दहन के दिन शहर के प्रमुख स्थानों किशोर सागर तालाब, लक्की बुर्ज आदि पर आतिशबाजी होगी। सभी प्रमुख चैराहों पर आकर्षक रोशनी के साथ नगाड़े के साथ शहनाई के स्वर गूंजेंगे।
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सिने संध्या : ए.आर. रहमान, श्रेया घोषाल, सोनू निगम,सुनिधि चौहान, अरिजित सिंह में से किसी एक को बुलाएंगे।
पंजाबी नाइट: दलजीत सिंह, मिक्का, भजन संध्या में अनूप जलोटा, नरेन्द्र चंचल, मास्टर सलीम में से एक।
गजल: गुलाम नवी या मनहर उदास।
कव्वाली: अजीज नाजा व महिला कव्वाल।
भोजपुरी: दिनेश लाला, पवनसिह, केसारीलाल में से कोई।
(प्रस्तावित नाम )
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कलाकार: अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा के अलावा सिने संध्या समेत अन्य कार्यक्रमों की तिथि में बदलाव होगा। ‘ए’ श्रेणी के कलाकारों को आमंत्रित किया जाएगा। कलाकारों की उपलब्धता के आधार पर तिथियों में बदलाव संभव।
इवेंट आयोजन: सिने संध्या, पंजाबी नाइट, भोजपुरी, भजन, गजल, उदघाटन व मेले का समापन कार्यक्रम के आयोजन का जिम्मा इवेंट कम्पनी को देंगे। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा का आयोजन मेला समिति ही करेगी। यह दोनों कार्यक्रम मेले के दौरान शनिवार को होंगे।
प्रदर्शनियां: मेला प्रारंभ होने के दिन ही सभी बाजार व प्रदर्शनियां पूरी तरह तैयार होंगे, 56 सामाजिक तथा 23 बड़ी प्रदर्शनियों को स्थान आवंटित किया जाएगा।
पेयजल: मेले में नागरिकों को आरओ का शुद्ध पानी पीने को मिलेगा। मैदान में निगम की ओर से 10 स्थानों पर पेयजल व्यवस्था की गई है।
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मेला समिति की मंगलवार को हुई बैठक में भी दुकानों के आवंटन पर निगम शासन और प्रशासन में सहमति नहीं बन पाई, विवाद बढऩे पर फैसला टाल दिया गया। बैठक में समिति अध्यक्ष मित्रा, नरेन्द्र हाड़ा, प्रकाश सैनी ने शुरुआत ही दुकानों के आवंटन का मसला उठा दिया। कहा कि तीन पीढि़यों से व्यापारी आ रहे हैं।
इसलिए पुराने व्यापारियों को ही दुकानों का आवंटन किया जाए। आयुक्त डॉ. विक्रम जिंदल ने पारदर्शिता और राजस्व आय का हवाला देते हुए ऑनलाइन आवंटन पर ही जोर दिया। पार्षद पार्षद मोनू कुमारी, विकास तंवर, कृष्णमुरारी सामरिया भी आयुक्त के समर्थन में आ गए।
समिति में फूट देखकर महापौर महेश विजय ने दखल किया और कहा कि मेला लाभ कमाने का साधन नहीं है। प्राथमिकता पुराने व्यापारियों को ही मिले। काफी देर तक सहमति नहीं बनने पर अगली बैठक तक फैसला टाल दिया गया है।
बैठक के बाद महापौर ने कहा कि प्रगति मैदान के दूसरे फेज में भी मेले के लिए स्थान आरक्षित किया गया है। इस जगह को किसान रंगमंच, सर्कस, झूले, फू डकोर्ट और छोटी दुकानों में आवंटित किया जाएगा। प्रयास किया जाएगा कि दशहरे मेले में आवेदन करने वाले हर व्यक्ति को दुकान अथवा स्थान मिले।