विशिष्ट लोक अभियोजक प्रेम नारायण नामदेव ने बताया कि पीडि़ता ने 30 जनवरी 2016 को कनवास थाने में रिपोर्ट दी थी कि 27 दिसंबर 2016 को दोपहर में परिचित फरीद उर्फ राजू घर आया। फरीद ने तंत्र-मंत्र जानने का दावा करते हुए कहा कि उनकी लड़की को बच्चे नहीं हो रहे हैं, लेकिन उसके उपाय करने से बच्चे हो जाएंगे। वह रात को घर पर रुका।
फरीद ने घर में चार गड्ढे खुदवाएं और दो गगरों में फूल तथा एक गागर में 38 हजार रुपए और दूसरे में 45 हजार रुपए रखवाए। बाद में गगरों को गड्ढों में दबा दिया। पांच-छह दिन बाद फरीद फिर वापस आया और बोला कि अभी गगरे मत निकालना। 29 जनवरी 2016 को रात 11 बजे फरीद वापस आया और बोला कि तंत्र विद्या से वह उन्हें अमीर बना देगा।
साथ ही बच्चे के लिए बेटी को विशेष पूजा करनी होगी। राजू ने परिवार के सदस्यों को एक कमरे में बैठा दिया और स्वयं लड़की को साथ लेकर दूसरे कमरे में चला गया। जहां उसने लड़की के साथ बलात्कार किया। उसने लड़की को धमकी दी कि अगर किसी को कुछ बताया तो घर के सभी सदस्य मारे जाएंगे।
बाद में शक होने पर गड्ढों में दबे गगरों को निकाल कर देखा तो उनमें कोयले भरे थे। लड़की से बलात्कार और ठगी का पता चलने पर पुलिस में रिपोर्ट दी। पुलिस ने अनुसंधान के दौरान आरोपी तांत्रिक के खिलाफ विभिन्न धाराओं में चालान पेश किया।
पॉक्सो विशिष्ट न्यायालय पीठासीन अधिकारी अशोक चौधरी ने फरीद को धारा 376 में दोषी मानते हुए दस साल के कारावास और 55 हजार के अर्थदंड तथा धारा 379 में तीन साल के कारावास और 85 हजार के अर्थदंड एवं चमत्कारी अधिनियम 1954 की धारा सात में छह माह कारावास और बीस हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है। सभी सजाएं अलग-अलग चलेंगी।