भामाशाह मंडी में उग्र होकर गेट पर चट्टान बन खडे हुए किसान, जानिए क्या था मामला
इस ट्रेन में परिवर्तनशील किराया प्रणाली लागू नहीं है। सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली व मुम्बई व्यावसायिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक केन्द्र है। दोनों ही शहर देश के महत्वपूर्ण व्यावसायिक केन्द्र हैं। इसलिए दोनों शहरों के बीच कारगर और प्रभावी परिवहन सम्पर्क की बेहद आवश्यकता थी। इसलिए इस ट्रेन का विस्तार किया गया है।कोटा में हो रही बाइक चोरी और रेलवे सम्पत्ति की चोरियों का हुआ पर्दाफाश
दो घंटे कम समय लेती है
इस ट्रेन से यात्रा करने में नई दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस के 15 घंटे 50 मिनट की तुलना में 13 घंटे 55 मिनट का समय लगता है। इससे यात्रा समय में लगभग 2 घंटे की बचत होती है। एक ही रेक के उपलब्ध होने के कारण सप्ताह में तीन दिन ही यह ट्रेन चलती है। यह रेलगाड़ी केवल कोटा, वडोदरा और सूरत स्टेशनों पर ही ठहरती है। कोटा के यात्रियों को भी इससे सुविधा मिलने लगी है।