कार्यक्रम निदेशक ममता अग्रवाल ने बताया की गोद भराई के दौरान गर्भवती महिलाओं के हाथों में मेंहदी, माथे पर बिंदी लगाई गई और चुनरी औढ़ाई गई। इसके बाद मेवे, देशी घी, फल-फ्रूट से गोद भराई की रस्म अदा की गई। संस्था की चेयरपर्सन कविता बाफना ने बताया कि इस दौरान विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों से रंगोली बनाकर महिलाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि समाज सेविका डॉ. एकता धारीवाल ने कहा कि पौष्टिक आहार लेने से न सिर्फ महिलाएं स्वस्थ रहती है बल्कि पेट के अंदर पल रहे बच्चे का भी सर्वांगीण विकास होता है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि सिलीगुड़ी की एसडीएम अलंकृता अग्रवाल, उपाध्यक्ष नम्रता जोशी व जोन कॉर्डिनेटर याशिका विजय ने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, डायरिया एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए स्वस्थ व कुपोषण मुक्त समाज बनाने की दिशा में सहभागिता सुनिश्चित करने की शपथ दिलाई।