चम्बल की नहरों में जल प्रवाह बढ़ाया
खरीफ की फसलों के लिए छोड़ा जा रहा है पानी
चम्बल की नहरों में जल प्रवाह बढ़ाया
कोटा। मानसून की बेरुखी के कारण फसलें सूखने लग गई है। सीएड प्रशासन ने सिंचित क्षेत्र की फसलों को बचाने के लिए चम्बल की दोनों नहरों में जल प्रवाह शुरू कर दिया है। रविवार को चम्बल की दोनों नहरों में जल प्रवाह बढ़ा दिया गया है। दाईं मुख्य नहर में चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि तीन दिन पहले तीन हजार क्यूसेक पानी छोडा गया था। यह पानी किसानों की फसलों के लिए अमृत के समान साबित होगा। हालांकि अंतिम छौर तक पानी पहुंचने में एक सप्ताह से अधिक समय लगने की संभावना है। क्योंकि इस बार नहरों की सफाई नहीं हो पाई है। संभागीय आयुक्त व कोटा सीएडी के क्षेत्रीय विकास आयुक्त के.सी. मीणा ने नहरों में पानी शुरू करवाने में अहम भूमिका निभाई है। जनप्रतिनिधियों और किसानों की नहरों में पानी छोडऩे की मांग आने पर उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय बात की और राज्य सरकार से भी नहरों में जल प्रवाह शुरू करने की सहमति ली। बाईं मुख्य नहर की कुल जल प्रवाह क्षमता 1500 क्यूसेक है। सात सौ क्यूेक पानी छोड़ा जा रहा है। कृषि अधिकारियों का कहना है कि कुछ क्षेत्रों में बारिश होने से फसलों को फायदा होगा और रबी की बुवाई के लिए लाभकारी साबित होगी।
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