नहर ही पी गई किसानों के हक का पानी
सफाई नहीं होने के कारण छोटी नहरों में आगे नहीं बढ़ रहा है पानी
हर ही पी गई किसानों के हक का पानी
कोटा। सीएडी प्रशासन की ओर से खरीफ की फसलों को बचाने लिए नहरों में पानी तो छोड़ दिया है, लेकिन सफाई नहीं होने के कारण पांच-छह दिन बाद भी पानी खेतों में नहीं पहुंच रहा है। टेल तक पानी पहुंचना तो दूर की बात है दाईं मुख्य नहर के दस किमी परिधि के माइनरों में भी अभी तक पानी नहीं पहुंचा है। माइनर सूखे पड़े हैं। नहर में ही किसानों के हक का पानी व्यर्थ बह रहा है।सीएडी प्रशासन ने केवल किसानों के आंदेालन के दबाव में तथा जनप्रतिनिििधयों के निर्देश पर दाईं और बाईं मुख्य नहर में पानी तो छोड़ दिया है, लेकिन यह पानी खेतों तक कैसे पहुंचेगा, इसका कोई जतन नहीं किया जा रहा है। हालांकि नहरों की सफाई के पूर्व में हुए टेण्डरों से ही सफाई की बात की जा रही है, लेकिन ठेकेदार केवल बिल उठाने के लिए सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रहे हैं। सीएडी के अधीक्षण अभियंता सुरेन्द्र बीजावत का कहना है कि रबी सीजन के लिए बारिश के बाद नहरों की सफाई करवाई जाती है। बारिश नहीं होने से इस बार खरीफ के लिए पानी छोड़ा गया है। इस कारण सफाई नहीं हो पाई है। किसानों की माइनरों में पानी नहीं पहुंचने की शिकायतों के बाद पत्रिका टीम ने किशनपुरा ब्रांच के माइनरों की मौके पर जाकर स्थिति देखी तो रविवार तक सूखे पड़े थे। पानी का अभी तक नामोनिशान तक नहीं है। झाडिय़ों और कचरे से माइनर अटे होने के कारण पानी पहुंचना मुश्किल लग रहा है। रंगपुर माइनर पूरी तरह झाडिय़ों व कचरे से अटी पड़ी है। चन्द्रसेल, अर्जुनपुरा, रोटेदा आदि माइनरों की स्थिति में कमोबेश यही नजर आई।