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देश में कोटा बोला, सबसे साफ है हमारा शहर

शहर की सफाई के संबंध में दिए गए फीडबैक के आधार पर कोटा देश में अव्वल आया है।

कोटाMay 17, 2018 / 12:59 pm

shailendra tiwari

swach bharat
कोटा . शहर की जनता सफाई को लेकर भले ही खुश नहीं है, लेकिन देश में कोटा को क्लीन सिटी का तमगा दिलाने के लिए फीडबैक दिया कि हमारा शहर क्लीन है। शहर की सफाई के संबंध में दिए गए फीडबैक के आधार पर ही कोटा देश में अव्वल आया है। केन्द्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में देशभर के 4041 शहर शामिल थे।
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स्वच्छता सर्वेक्षण की पिछले तीन सर्वेक्षण में शहर के पिछडऩे पर नवम्बर 2017 में ही ‘राजस्थान पत्रिका’ ने ‘स्वच्छ कोटा-स्वस्थ कोटा’ की मुहिम शुरू की थी। इसके बाद शहरवासी भी आगे आए और निगम ने भी स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में छलांग लगाने के लिए ताकत झोंकी। ऑल ओवर स्वच्छता रैंकिंग तो घोषित नहीं की गई है, लेकिन इस बार अलग-अलग श्रेणियों में शहरों का चयन किया गया है। कोटा सिटीजन फीडबैक में प्रथम स्थान पर आया। इसमें एप और वेब के जरिए सुझाव दिए गए थे।

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यूजर हैप्पीनेस में सन्तुष्ट नहीं
स्वच्छता सर्वेक्षण के दौरान निगम ने कुछ संगठनों के साथ एप डाउनलोड करने का खूब धूम-धड़ाका किया था। एप पर रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य 20,033 था। इसके मुकाबले 25,436 लोगों ने एप लोड किया। लेकिन एप पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद सफाई से संबंधित समस्या के समाधान के लिए लोगों ने एप के जरिए निगम से सम्पर्क किया तो कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला है। यूजर हैप्पीनेस में भी कोटा प्रदेश में अग्रिम पंक्ति में रहा है। जबकि इंजीनियरिंग में समस्या समाधान श्रेणी में निगम के अभियंता कुलदीप प्रेम छठे स्थान पर रहे हैं।

कोटा में सब जुटे
‘पत्रिका’ की पहल पर स्वच्छता सर्वे का आकलन होने से पहले कोटा में नगर निगम का पूरा अमला शहर को साफ करने में जुटा रहा। दिन-रात पूरी टीम काम करती। सिटीजन फीडबैक में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी बढ़ाने में उपायुक्त राजेश डागा की अहम भूमिका रही। महापौर महेश विजय, उप महापौर सुनीता व्यास, आयुक्त डॉ.विक्रम जिंदल के निर्देशन में एक माह तक निगम टीम जुटी रही।

इन पर था फीडबैक
01 शहर में पिछले साल के मुकाबले सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है या नहीं
02 शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण शुरू हुआ है या नहीं
03 एप पर शिकायत का रिप्लाई देते हैं या नही
04 कचरा प्वाइंट से दो पारी में कचरा उठता है या नहीं
05 कचरा नहीं उठने की शिकायत का समाधान होता है या नहीं
06 क्या गीला-सूखा कचरा अलग-अलग संग्रहीत होता है

जिम्मेदारी बढ़ी
शिक्षा नगरी की देश में छवि सुधारने के लिए जनता ने तो स्वच्छता के प्रति अच्छा फीडबैक दिया। केन्द्र सरकार ने भी जनता के फीडबैक के आधार पर देश में कोटा को प्रथम स्थान से नवाज दिया है। नगर निगम प्रशासन और महापौर,उप महापौर की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है कि शहर वाकई स्वच्छ नजर आए। जनता ने रैंकिंग सुधारने के लिए ‘गुडÓ कह दिया है, लेकिन जनता दिल से कहे कि वाकई कोटा क्लीन है, तभी इसकी सार्थकता है। आज भी शहर की स्थिति यह है कि दिनभर कचरा प्वाइंटों पर कचरा फैला रहता है। शहर के आसपास ही अघोषित कचरा प्वाइंट बना दिए गए हैं, यहां मिनी ट्रेचिंग ग्राउण्ड बन गए हैं।

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