बीते दो दशक से विकास व विस्तार की राह तेजी से आगे बढ़ रहे राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा में अब विकास प्राधिकरण की दरकार है। आने वाले कुछ सालों में कोटा के विकास की गति कई गुना बढ़ जाएगी, क्योंकि दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे कोटा के पास से गुजर रहा है। साथ ही नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट निर्माण सहित प्रस्तावित कई बड़े प्रोजेक्ट के कारण कोटा के विकास को नए पंख लगेंगे।
-मास्टर प्लान में नए हवाई अड्डे, तीन नए बस स्टैण्ड सहित विभिन्न सुविधाओं के लिए भूमि प्रस्तावित की गई है।
-2031 तक इसमें रानपुर व शंभुपुरा को ग्रोथ सेन्टर के रूप में घोषित किया जाएगा। इन्हें पृथक योजना क्षेत्र माना जाएगा।
-आयुक्त का पद सृजित होगा, ऐसे में हमेशा आईएएस अधिकारी तैनात रहेगा।
-प्राधिकरण में शामिल होने वाले गांवों में भी शहर की तरह विकास कार्य होंगे। -प्राधिकरण का खुद का पुलिस थाना होगा। पुलिस दल-बल के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करना आसान होगा।
-यूआईटी के पास पर्याप्त लैंड बैंक है। -कई प्रगतिशील आवासीय योजनाएं हैं।
-यूआईटी के पास बड़ा कार्यालय भवन है। -यूडीएच में मंत्री Shanti Dhariwal भी कोटा से ही हैं।
-अन्य शहरों की तुलना में आय-व्यय क्षमता में आगे हैं।
-प्राधिकरण की अनिच्छा वाले नेताओं में राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। यूडीएच मंत्री व स्थानीय विधायक चाहेंगे तो कोटा में केडीए गठित हो सकता है।
-प्राधिकरण के कानून के तहत कोटा में विकास की नई इबारत लिखने के लिए तैयार होना होगा। फैक्ट फाइल- जेडीए व एडीए से ताकतवर कोटा यूआईटी(देखें आंकड़े)
(प्रस्तावित बजट 2021-22)
जोधपुर विकास प्राधिकरण(जेडीए )-880.50 करोड़ अजमेर विकास प्राधिकरण( एडीए)-183 करोड़
MLA Said- सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए कोटा में विकास प्राधिकरण स्थापित होना चाहिए। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। विधानसभा सत्र में सरकार से इसकी मांग करेंगे।
-संदीप शर्मा, विधायक, कोटा दक्षिण
विकास प्राधिकरण को नगर विकास न्यास से ज्यादा वित्तीय और अन्य शक्तियां होती हैं। कोटा विकास प्राधिकरण बनता है तो कोटा को अधिक लाभ मिलेगा। -एस.एन. गुप्ता, सेवानिवृत्त नगर नियोजक, कोटा