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कोटा

धार्मिक नगरी कोटा के दशहरा में दिख रही है तीर्थस्थलों की झलक…

मेले में आस्था की बात करे तो यहां महाकाल से लेकर मथुरा-वृंदावन तक की महक की अनुभूति होती है ।

कोटाOct 25, 2018 / 07:54 pm

Suraksha Rajora

Kota Dussehra mela 2018

धार्मिक नगरी कोटा के दशहरा में दिख रही है तीर्थस्थलों की झलक…

कोटा. नगर निगम कोटा की ओर से आयोजित राष्ट्रीय दशहरा मेले में इस दफा भी मथुरा से आई दुकाने लोगों का बरबस ही ध्यान आकर्षित कर रही है। यहां पीतल और अष्ठ धातु से निर्मित बाल गोपाल, राधाकृष्ण की मूर्तियों के अलावा ठाकुरजी की रंग-बिरंगी पोषाके आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। मेले में आने वालों में जो धार्मिक प्रवृति के है उनके कदम इन दुकानों को देख स्वतः ही थम जाते है।
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पोशाकों व ठाकुरजी की प्रतिमाओं की सुंदरता इतनी है कि नजरे हटने का नाम ही नहीं लेती। खरीदारी करने आई जिज्ञासा , सुमन बताती है कि पूजा सामग्री की इन दुकानों की संख्या अन्य दुकानों की तुलना में बेशक कम है, लेकिन इनमें धार्मिक नगरी से लेकर तीर्थस्थल की झलक देखने को मिलती है। अष्ठ धातु की मूर्तियां इन दुकानों पर पीतल और अष्ठ धातु से निर्मित बाल गोपाल, राधाकृष्ण की मूर्तियां उपलब्ध है।
दुकानों पर पीतल और तांबे की एक-एक फीट ऊंचाई की भी मूर्तियां है। साथ ही उन्हें सजाने के लिए मुकुट, मालाएं और रंगबिरंगे वस्त्र हैं। पूजा के लिए चंदन, रोली और पीतल की आरतियां भी हैं। रुद्राक्ष की मालाएं मंत्र जपने के लिए इनके पास दोमुखी से लेकर सात मुखी रुद्राक्ष की मालाएं है। इन मालाओं को लोग मन की शांति के लिए गले में धारण करते हैं। मथुरा के ष्याम मोहन ने बताया कि रुद्राक्ष भगवान शंकर के आसुंओं से उत्पन्न हुए हैं। इसलिए इनका पूजा में बहुत महत्व है।
भगवान बाल गोपाल व राधाकृष्ण की मूर्तियां भी आकर्षक


मेले में आस्था की बात करे तो यहां महाकाल से लेकर मथुरा-वृंदावन तक की महक की अनुभूति होगी। पीतल और अष्ठ धातु से निर्मित बाल गोपाल, राधाकृष्ण की मूर्तियां आकर्षण का केंद्र बनी है। दैनिक जरूरतों के सामान के साथ मन की शांति भी जरूरी है। ऐसे में इन धार्मिक दुकानों पर हर आकार के भगवान लड्डू गोपाल से लेकर रामदरबार और शिवलिंग तक सजे हैं। मेले में सजी पूजा सामग्री की इन दुकानों पर पहुंचते ही मन में अपने आप ही आस्था का भाव जागृत होने लगता है और मन में अजीब सी शांति महसूस होती हैं।
तीन सौ से तीन हजार तक है शंख


मेले में मथुरा से आई इन दुकानों पर ठाकुरजी के मुकुट, श्रंगार, पोषाक, झूलों के अलावा शंख व अन्य पूजन सामग्री भी अलग-अलग रेंज में उपलब्ध है।

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