दो जिलों की सीमा पार कराने को बजरी माफिया चढ़ाते हैं पुलिस को 30 हजार का चढ़ावा, फिर कोटा में दाखिल होते 80 ट्रक
खनन माफिया शातिराना तरीके से अवैध कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। सड़कों से गुजरते वक्त सीसीटीवी कैमरे में गाडिय़ों के नंबर कैद न हो जाएं या फिर कोई उनके नंबर नोटकर पुलिस और परिवहन विभाग के आला अफसरों से शिकायत न कर दे इसीलिए सभी गाडिय़ां बिना नंबर प्लेट के चला रहे हैं। रात को अवैध बजरी ( Illegal Bajri Transport ) लाते हुए दबोचे 35 ट्रक और डंपरों में से 29 के नंबर पूरी तरह से गायब थे। जबकि छह गाडिय़ों के आगे प्लेट तो लगी थी, लेकिन इतनी छिपाकर लगाई थी कि दूर की बात तो छोड़ो पास से भी दिखाई नहीं पड़ रही थी। एक ट्रक के आगे तो दो-दो नंबर प्लेट लगी थी। आरटीओ प्रकाश सिंह ने बताया कि सभी गाडिय़ों के चेसिस और इंजन नंबर लेकर उनके मालिकों की तलाश की जा रही है। पता किया जा रहा है कि अवैध खनन में कोई चोरी की गाड़ी तो इस्तेमाल नहीं हो रही थी। इन गाड़ी मालिकों के खिलाफ परिवहन नियमों का उलंघन करने का प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा। BIG News: कोटा में एक ट्रक बजरी की कीमत 42 हजार, पुलिस की वसूली खत्म हो तो गिर जाएं 25 हजार तक दाम
ब्लैकलिस्ट ट्रकों से ढोई जा रही थी बजरी
अवैध खनन करते हुए पकड़े गए एक ट्रक आरजे 08 जीए 3635 को आठ ई रवन्नों में ओवरलोड ढुलाई करते पाए जाने पर परिवहन विभाग ने पहले से ही ब्लैक लिस्ट कर रखा है। इसकी फिटनेस भी 17 जनवरी 2019 तक ही थी। जबकि इंश्योरेंस 28 जनवरी 2019 को खत्म हो चुका है। ऐसे ही ट्रक आरजे 08 जीए 5309 की फिटनेस भी 31 अक्टूबर 2018 तक ही थी। इसका इंश्योरेंस 31 मार्च 2018 और रोड टैक्स 24 सितंबर 2018 को ही खत्म हो चुका है। जबकि ट्रक आरजे 08 जीबी 1687 की फिटनेस तो 19 अप्रेल 2017, इंश्योरेंस 28 मार्च 2016 और रोड टैक्स 31 मार्च 2016 को खत्म हो चुका है। वहीं ट्रक आरजे 08 दीबी 1433 की फिटनेस 22 जनवरी 2019, इंश्योरेंस 23 दिसंबर 2018 और रोड टैक्स 31 मार्च 2018 में खत्म हो चुका है। जबकि ट्रक आरजे 08 जीए 5309 की फिटनेस 31 अक्टूबर 2018, इंश्योरेंस 24 सितंबर 2018 और रोड टैक्स 31 मार्च 2018 को खत्म हो गया था।
कोड से होती थी शिनाख्त
सूत्रों के मुताबिक बनास से खनन करके कोटा तक पहुंचे सभी ट्रकों की बंधी तय थी। पकड़े गए ट्रकों के शीशों और बॉडी पर खास कोड पड़े हुए हैं। इनसे ही इनके ठेकेदारों की पहचान होती है। यही वजह है कि पूरा बूंदी जिला और रास्ते में पडऩे वाले आधा दर्जन थानों, परिवहन, वन और खनन के जाप्तों और चौकियों को पार करते हुए यह ट्रक कोटा के तमाम इलाकों तक पहुंच गए। ऐसा नहीं कि पुलिस के आला अफसरों को इसकी भनक नहीं थी। बंधी के खेल की पूरी जानकारी होने के कारण उन्होंने ऐसे किसी भी थाने की पुलिस को कार्रवाई में शामिल नहीं किया जिस पर खनन माफियाओं को संरक्षण देना का शक था।
छापेमारी करने वाले पुलिस कर्मियों ने बताया कि अवैध खनन करने वाले ट्रकों को पकडऩे में उन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ी। ज्यादातर ट्रकों की रफ्तार 70 से 80 किमी प्रति घंटा थी। जिन्हें रोकने के लिए काफी दूर तक पीछा करना पड़ा। कार्रवाई के वक्त चारों तरफ से घिरा देख ड्राइवर गाडिय़ां रोकने को मजबूर हुए, लेकिन आमतौर पर इनके सामने कोई आ जाता है तो उसे बचाने के बजाय रौंदकर ही गुजर जाते। ट्रकों को पकडऩे के बाद परिवहन विभाग के जाप्ते ने जब लोड चैक किया तो उनके होश उड़ गए। 25 टन भार क्षमता वाले डंपरों में 60 से 65 टन तक बजरी लदी हुई थी। सभी गाडिय़ां तय क्षमता से कई गुना ज्यादा ओवरलोड थीं।