विरोध ,पीछे हटा यूआइटी दस्ता,और फिर 53.36 करोड़ कप चाय पी जाता है कोटा अर्थशास्त्री डॉ. कपिल शर्मा के मुताबिक टी बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो कोटा में प्रति व्यक्ति चाय की सालाना खपत शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग है। गांव में चाय का चलन देर से आया और अब भी शहरों के मुकाबले कम है। आंकड़ों के मुताबिक कोटा के ग्रामीण इलाकों में अब भी 650 ग्राम प्रति व्यक्ति सालाना चाय की खपत होती है, जबकि शहरी इलाके में यह बढ़कर करीब 706.1 ग्राम प्रति व्यक्ति सालाना तक पहुंच जाती है। दोनों को मिलाकर देखा जाए तो कोटा में सालाना करीब 13.34 लाख किलो चाय की पत्ती खपत होती है। इसकी कीमत 25.54 करोड़ से ज्यादा बैठती है। कप के हिसाब से बात करें तो कोटा औसतन एक साल में 53.36 करोड़ कप चाय गटक जाता है। इसमें से 78 फीसदी खपत सिर्फ दूध की चाय में पडऩे वाली पत्तियों की है, जबकि 22 प्रतिशत हिस्सा ग्रीन टी, लेमन टी और कहवा आदि फ्लेवर्ड टी का है।
कुल – 1334166.584 – 255407388.05 शहरी – 830800.084 – 167821617.05
ग्रामीण – 503366.5 – 87585771 तैयार चाय:- औसत सालाना पेय श्रेणी – कुल कप – प्रति व्यक्ति कप
कुल – 533666633.76 – 273.5
ग्रामीण – 201346600 – 260 चाय पीने पर सालाना औसत खर्च श्रेणी – रुपए
कुल – 2668333168.8 शहरी – 1661600168.8
ग्रामीण – 1006733000 पत्ती से ज्यादा बनाने पर खर्च
कुल – 2412925780.8 शहरी – 1493778558.8
ग्रामीण – 919147229 (चाय बनाने के लिए दूध, चीनी, अदरक, इलाइची और गैस पर होने वाला खर्चा) चाय की सालाना प्रति व्यक्ति औसत खपत
शहरी – 706.1 ग्राम प्रति व्यक्ति सालाना
शहरी – 202 रुपए प्रति किलोग्राम ग्रामीण – 174 रुपए प्रति किलोग्राम
एक कप तैयार चाय की औसत कीमत – 5 रुपए